जबलपुर। ट्रैफिक को कम करने के लिए शहर के बाहर से एक लंबी सड़क बनाई गई है, जो 75 फीसदी इलाके को कवर करती है. यह सड़क महाराजपुर से शुरू होकर धनवंतरी नगर और फिर तिलवारा पुल से होती हुई बरेला को जोड़ती है. इसकी कुल लंबाई लगभग 20 किलोमीटर है.
जबलपुर में रोज होते हैं 7 एक्सीडेंट
इस बायपास पर कहीं भी कोई अस्पताल नहीं है. हालांकि, धनवंतरी चौक के पास मेडिकल कॉलेज जरूर है, लेकिन यह बायपास के दोनों सिरों से 7 से 8 किलोमीटर दूर है. बायपास पर कई ऐसे चौराहे हैं, जिन पर आए दिन हादसे होते रहते हैं. ऐसा शायद ही कोई दिन होगा, जब बायपास पर एक्सीडेंट न हुआ हों. किसी की जान न जाती हों.
हाई-वे पर फर्राटे से दौड़ रही 'मौत', हवा-हवाई मेडिकल सुविधा
ट्रैफिक को कम करने के लिए शहर के बाहर से एक लंबी सड़क बनाई गई है, जो 75 प्रतिशत इलाके को कवर करती है. इसकी कुल लंबाई लगभग 20 किलोमीटर है.
शहर में साल भर में लगभग 230 से 3000 एक्सीडेंट होते हैं. इनमें लगभग 25 प्रतिशत एक्सीडेंट केवल स्पीड हाई-वे पर होते हैं.
सरकार को बनानी चाहिए योजना
सरकार ने बायपास के आसपास शराब की दुकानें खोलने की अनुमति तो दे दी है, लेकिन यहां पर ट्रॉमा सेंटर, एंबुलेंस या फिर अस्पताल की सुविधा नहीं है, जिसमें घायलों का इलाज कराया जा सकें. लोगों का कहना है कि सरकार को स्पीड हाईवे चिन्हित कर उसके आसपास मेडिकल की सुविधा प्रदान करवानी चाहिए, ताकि वक्त रहते लोगों को इलाज मिल सकें.
लोगों का ये भी कहना है कि स्पीड हाईवे जब भी बनाए जाते हैं, तब इनमें बड़ा बजट का प्रावधान होता है. सरकार को अपनी योजना में ही इस बात को शामिल करना चाहिए कि कम से कम 50 किलोमीटर के दायरे में सड़क के किनारे एक ऐसा अस्पताल जरूर बनाया जाए, जिसमें घायल मरीजों को इलाज मिल सकें.