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लॉकडाउन से शुद्ध हुआ 'संस्कारधानी का वातावरण', महसूस की जा सकती है ताजी हवा

लॉकडाउन से जबलपुर के वातावरण में काफी सुधार देखने को मिला है. धूल और धुएं में दिखाई न देने वाली मदन महल पहाड़ियां अब दूर से ही साफतौर पर दिखाई दे जाता हैं.

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Published : Apr 6, 2020, 1:34 PM IST

Updated : Apr 6, 2020, 2:34 PM IST

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लॉकडाउन से वातावरण हुआ साफ

जबलपुर। प्रकृति की गोद में बसा ये शहर प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर रहा है. दो तरफ काले पत्थर की पहाड़ियां, कल-कल बहती नर्मदा नदी और आस-पास के घने जंगल यहां की हवा को तरो-ताजा बना देते थे. माना जाता है कि गोंडवाना काल में शहर के भीतर ही करीब 52 ताल तालाब थे. कहते थे कि जब लोगों की तबीयत बिगड़ती थी वो जबलपुर की आबोहवा में आते थे. इसलिए अंग्रेजों ने भी अपना बेस कैंप जबलपुर बनाया था. लेकिन आधुनिकता की इस दौड़ में यहां की हवा भी धीरे-धीरे दूसरे शहरों की तरह जहरीली होती गई. अब कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन से एक फिर यहां की हवा में काफी बदलाव हुआ है.

लॉकडाउन से वातावरण हुआ साफ

लॉकडाउन की वजह से पहली बार जबलपुर ने सालों बाद साफ हवा में सांस ली है. वातावरण से पेट्रोल-डीजल का धुआं गायब हुआ, तो दूर से ही चीजें साफ नजर आने लगी हैं. शहर में ही स्थित मदन महल की पहाड़ियां, जो धुए में कहीं खो जाती थीं, अब सूरज की पहली किरण के साथ ही साफ देखी जा सकती हैं. कछपुरा ब्रिज से शहर का नजारा देखने लायक हो गया है.

मदन महल की पहाड़ियां

हालांकि शहर में प्रदूषण को मापने वाला मीटर बंद पड़ा है. अगर चालू भी होता तो, सबसे अच्छी हवा के मानक पेश कर रहा होता. लॉकडाउन से भले ही लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना है, लेकिन शहर का वातावरण पूरी तरह से बदल गया है. आशा करते हैं कि लॉकडाउन खुलने के बाद लोग जीवन में कुछ बदलाव लाएंगे और इस स्वच्छ वातावरण को ऐसे ही बनाए रखेंगे.

सुबह का नजारा
Last Updated : Apr 6, 2020, 2:34 PM IST

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