जबलपुर। नकली इंजेक्शन की खरीद फरोख्त में जेल की हवा खा रहे सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा के राजनीतिक तालुक्कात हैं, जो कि पीछे से उसे ये सब करने के लिए ताकत दे रहे हैं. नकली रेमडीसीवार इंजेक्शन में लिप्त सिटी अस्पताल संचालक ने सुनियोजित ढंग से मरीजों से रुपये वसूले हैं. यह आरोप बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री जालम सिंह पटेल ने लगाए हैं.
आईजी कमिश्नर को लिखा पत्र
पूर्व मंत्री जालम सिंह पटेल ने जबलपुर संभाग आयुक्त और पुलिस महानिरीक्षक को एक पत्र लिखा है और इस पत्र के माध्यम से बताया है कि सिटी अस्पताल मरीजों को मारने और मरीजों को एडमिट कर उनसे पैसे वसूलने में सबसे आगे था, पत्र में यह भी लिखा गया है कि इस अस्पताल के अनेक राजनैतिक साइलेंट पार्टनर हैं, जो कि अस्पताल में होने वाले अपराध को ताकत देते रहे हैं. पत्र में बीजेपी विधायक ने अस्पताल पर आरोप लगाए हैं कि किसी भी मरीज को भर्ती करने से पहले, एक से पांच लाख रुपये तक जमा करवाए जाते थे.
किस दिन किस मरीज को मारना है?
भाजपा विधायक जालम सिंह पटेल ने अपने पत्र के माध्यम से कई अहम खुलासे किए हैं. उन्होंने लिखा है कि किस दिन किस मरीज को मारा जाएगा, यह सब कुछ पहले से ही अस्पताल में तय कर लिया जाता था. उन्होंने आईजी और कमिश्नर से मांग की है कि सिटी अस्पताल में नरसिंहपुर जिले के कितने मरीज भर्ती हुए और कितने लोगों से कितने रुपए वसूले गए हैं और कितनों की मौत हुई है इसकी जानकारी उपलब्ध कराई जाए.
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योजनाओं से मिलने वाले लाभ में गफलत
बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री जालम सिंह पटेल ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि सिटी अस्पताल में बीते 10 सालों से सरकारी योजना जैसे आयुष्मान योजना, राज्य बीमारी सहायता योजना, पीएम सीएम फंड से बिना किसी बीमारी के इलाज कर पैसों की हेराफेरी की गई है. इसकी भी एक उच्च स्तरीय जांच होना चाहिए. सिटी अस्पताल के ऊपर छोटी बीमारियों के मरीजों को बड़ी बीमारियों के नाम पर इलाज कर पैसे की हेराफेरी करने का भी भाजपा विधायक ने आरोप लगाया है.
पूर्व मंत्री के पत्र के बाद मची खलबली
पूर्व मंत्री और गोटेगांव से विधायक जालम सिंह पटेल के सार्वजनिक रूप से पत्र लिखकर आईजी और कमिश्नर से उच्चस्तरीय जांच की मांग करने के बाद अब राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई है. कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने अब इस पूरे मामले में ट्वीट किया है और लिखा है कि क्या शिवराज जी अपने विधायक की शिकायत पर जांच कराएंगे.