जबलपुर।अब गरीब परिवार भी बड़े-बड़े निजी अस्पतालों में अपना इलाज निशुल्क करा सकेंगे. राज्यसभा सदस्य विवेक तंखा की पहल पर जबलपुर में एक अनोखे अभियान की शुरुआत की गई है. जिसके तहत प्राइवेट अस्पताल हफ्ते में एक दिन गरीब मरीजों का निशुल्क इलाज करेंगे. (jabalpur rahat clinic great news for the poor)
jabalpur narmada rahat clinic गरीबों के लिए बड़ी खुशखबरी, हफ्ते में एक दिन प्राइवेट अस्पताल में होगा मुफ्त इलाज, जाने कैसे
मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए हर स्तर पर तैयारी कर रही है. चाहे वह शिक्षा का क्षेत्र हो, सुरक्षा, नशामुक्ति या फिर मेडिकल. हर मोर्चे पर सरकार अभियान चलाकर जनता को अपने साथ जोड़ने की जुगत लगा रही है. इसी सिलसिले में रविवार को राज्यसभा सदस्य विवेक तंखा ने गरीबों के इलाज के लिए एक नई पहल की जानकारी साझा की है. अब हफ्ते में एक दिन गरीबों को भी प्राइवेट अस्पताल में मुफ्त इलाज मिल सकेगा. (jabalpur narmada rahat clinic) (Great news for poor patients of Jabalpur)
जाने क्या है नर्मदा राहत क्लीनिकः जबलपुर में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और राज्यसभा सदस्य विवेक तंखा ने मिलकर इस अभियान की शुरुआत की है. जिसे नाम दिया गया है नर्मदा राहत क्लीनिक. विवेक तंखा ने बताया की स्वास्थ्य के क्षेत्र में सेवा करने वाले डॉक्टर लोगों की मदद तो करते हैं. लेकिन उसकी जानकारी आम जनता तक नहीं पहुंच पाती है. इसीलिए सभी डॉक्टरों ने मिलकर यह फैसला किया है कि अब हफ्ते में एक दिन प्राइवेट हॉस्पिटल 4 घंटे के लिए तमाम गरीब मरीजों को निशुल्क सेवाएं देगा. नर्मदा राहत क्लीनिक मिशन में जबलपुर के 60 अस्पतालों को शामिल किया गया है. जिसके तहत यह सभी अस्पताल हफ्ते में एक दिन गरीब मरीजों की जांच करेंगे और उन्हें इलाज के लिए परामर्श देंगे. (poor get free treatment in private hospital in one day)
देश में पहली बार शुरू हो रहा है यह अभियानः विवेक तंखा ने कहा कि अपनी तरह का एक बेहद अनोखा अभियान है, जो देश में पहली बार शुरू किया जा रहा है. इसके जरिए डॉक्टर अपनी चैरिटी भी कर पाएंगे और गरीब जनता को बड़े-बड़े अस्पतालों में समुचित इलाज सभी सुविधाओं के साथ मिल पाएगा. जबलपुर से शुरू हुआ अभियान जल्द ही प्रदेश में और फिर देश में चलाया जाएगा. इस अभियान से देश के बड़े-बड़े प्रख्यात डॉक्टर भी जुड़ रहे हैं जो अपनी सेवाएं निशुल्क देंगे.शुरुआती दौर में 60 अस्पतालों को शामिल कर लिया गया है. इसके साथ-साथ नर्सिंग होम और बाकी स्वास्थ्य सुविधाएं भी इस अभियान में जोड़ी जा रही हैं. (know how poor get treatment in private hospital)