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मिलावटखोरों पर शिकंजा: नमकीन फैक्ट्री पर क्राइम ब्रांच, खाद्य सुरक्षा विभाग की रेड, हुआ बड़ा खुलासा

MP के कई हिस्सों से आए दिन मिलावट की खबरें सामने आती रहती हैं. इसी कड़ी में खाद्य सुरक्षा विभाग और क्राइम ब्रांच ने संयुक्त रूप से जबलपुर के बरबटी गांव में संचालित एक नमकीन फैक्ट्री में छापा मारकर नमकीन और जला हुआ तेल जप्त किया है. फैक्ट्री संचालक उपयोग किये गए तेल से बार-बार नमकीन बना रहा था. खाद्य सुरक्षा विभाग ने नमकीन और तेल के सैंपल जांच के लिए भेजे हैं. (Namkeen factory raided in Jabalpur)

Namkeen factory raided in Jabalpur
जबलपुर में नमकीन फैक्ट्री पर छापा

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Published : Apr 7, 2022, 1:06 PM IST

जबलपुर।खाद्य वस्तुओं में मिलावट रोकने के लिए जिला प्रशासन ने अभियान छेड़ रखा है. इसी कड़ी में बरगी तहसील के बरबटी गांव में संचालित एक नमकीन फैक्ट्री में क्राइम ब्रांच और खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से छापा मारा. छापेमारी में कई ऐसे पदार्थ जब्त किए गए जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है. इन्हे फूड प्रोडक्ट में मिलाकर बाजार में खपाया जा रहा था. जिस फैक्ट्री में छापेमारी हुई वहां बड़ी मात्रा में नमकीन में मिलावट हो रही थी और बड़े पैमाने पर मार्केट में सप्लाई भी. जिस तेल में नमकीन बनाया जा रहा था, उस तेल को फैक्ट्री संचालक द्वारा बार-बार नमकीन बनाने में इस्तेमाल किया जा रहा था.

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नमकीन में मिलाई जा रही थीं अमानक चीजें: नमकीन का स्वाद बढ़ाने के लिए उसमें अमानक चीजें मिलाई जा रही थीं. जिस पर खाद्य विभाग और क्राइम ब्रांच ने छापा मार कर नमकीन और जला हुआ तेल जब्त कर लिया. पुलिस अधिकारियों ने जानकारी दी कि बरबटी गांव में न्यू भारत नमकीन नाम से फैक्ट्री संचालित हो रही थी. फैक्ट्री का संचालक अमानक तेल और अन्य सामान का इस्तेमाल कर नमकीन बना रहा था. पुलिस की मौजूदगी में खाद्य सुरक्षा विभाग ने नमकीन और तेल के सैंपल जांच के लिए भेज दिये हैं. वहीं फिलहाल यहां कई तरह की पाबंदियां प्रशासन ने आयत कर दी हैं.

मिलावट से हर साल होती है 5 लाख लोगों की मौत:मिलावटी उत्पाद बेचने का मुख्य मकसद जल्दी लाभ कमाना है. दूध को गाढ़ा करने के लिए खतरनाक रसायनों का उपयोग किया जाता है. कृत्रिम हार्मोन के जरिए फलों को समय से पहले पका दिया जाता है. दुनिया भर में हर साल 5 लाख लोग दूषित खाद्य पदार्थों की वजह से मर जाते हैं. राजनेता हालांकि, खाद्य पदार्थ में मिलावट पर कड़े कदम उठाने की घोषणा करते हैं लेकिन, वास्तविकता बिल्कुल अलग है. केंद्र ने उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की रक्षा और खाद्य क्षेत्र को नियमों के दायरे में लाने के लिए वर्ष 2006 में खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम लागू किया था लेकिन, इसे जिस तरह से लागू किया गया है वह संतोषजनक नहीं है.

खाद्य सुरक्षा से जुड़े आपराधिक मामलों के दोषी लोगों में से केवल 16 फीसद को सजा मिल रही है. इस बीच देश में मिलावटी खाद्य का आधिपत्य बढ़ा गया है. भोजन की गुणवत्ता के महत्व को केंद्र और राज्य सरकारों को समझना चाहिए. देश में खाद्य मानकों को बढ़ाने के लिए जरूरी प्रणालियों और नियामक संस्थाओं की स्थापना की जानी चाहिए. खाद्य पदार्थों में मिलावट के खतरे पर लगाम लगाने में उपभोक्ता जागरूकता और कड़े कानून बहुत कारगर होते है. (Namkeen factory raid Jabalpur)

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