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MP को सबसे बड़ी रिंग रोड की सौगात, संस्कारधानी में 7 नवंबर को गडकरी करेंगे भूमिपूजन

परिवहन के लिए आधारभूत सुविधाएं जितनी मजबूत होंगी, देश की तरक्की उतनी ही तेजी से होगी. इस बात को ध्यान में रखकर भारत सरकार देश भर में सड़कों का जाल बिछा रही है. संस्कारधानी यानि जबलपुर के लिए स्वीकृत 112 किलोमीटर की रिंग रोड को भी मोदी सरकार की इसी मंशा से जोड़कर देखा जा रहा है. हाल ही में उज्जैन के महाकाल कॉरिडोर के शुभारंभ के बाद अब प्रदेश के तीसरे बड़े महानगर जबलपुर के लिए करीब तीन हजार करोड़ की रिंग रोड परियोजना स्वीकृत की गई है. माना जा रहा है कि महाकाल कॉरिडोर की तर्ज पर जबलपुर के रिंग रोड को भी विकसित किया जाएगा. फर्क सिर्फ इतना है कि महाकाल कॉरिडोर धर्म और अध्यात्म की दृष्टि से विकसित किया गया है तो जबलपुर की महत्वकांक्षी रिंग रोड आर्थिक तरक्की की राह को आसान करेगी. प्रदेश के सबसे बड़े रिंग रोड का भूमि पूजन करने खुद केंद्रीय भूतल परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी जबलपुर पहुंचने वाले हैं. वे जबलपुर में 7 नवंबर को प्रदेश के सबसे बड़े 112 किलोमीटर लंबी रिंग रोड के निर्माण की जहां आधारशिला रखेंगे. (Longest Ring Road of MP) (Union Minister Nitin Gadkari) (Ring road Bhoomi Pujan on November 7)

Longest Ring Road of MP
जबलपुर रिंग रोड परियोजना

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Published : Nov 4, 2022, 12:06 PM IST

Updated : Nov 4, 2022, 12:24 PM IST

जबलपुर।112 किलोमीटर लंबी रिंग रोड परियोजना के निर्माण के दौरान विश्व प्रसिद्ध भेड़ाघाट के मठ मंदिरों की कनेक्टिविटी को सुगम बनाने की भी कोशिश की जाएगी. दरअसल संगमरमरी वादियों के लिए पूरे विश्व में विख्यात भेड़ाघाट और उसके आसपास कई बड़े प्राचीन और ऐतिहासिक मठ मंदिर स्थापित हैं, जहां हर साल बड़ी तादाद में देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं. माना जा रहा है कि रिंग रोड परियोजना के आकार लेने के बाद भेड़ाघाट और उससे लगे हुए मंदिरों तक पहुंचना बेहद आसान हो जाएगा, इसके अलावा परिवहन के नजरिए से भी इस प्रोजेक्ट को काफी अहम माना जा रहा है.

एमपी को सबसे बड़ी रिंग रोड की सौगात

रिंग रोड से जबलपुर का यातायात रहेगा नियंत्रित:कई जिलों को आपस में जोड़ने के साथ ही रिंग रोड से शहर का भीतरी यातायात भी काफी हद तक नियंत्रित रहेगा. अब तक जबलपुर से दूसरे जिलों तक पहुंचने के लिए शहर के भीतरी मार्गों में प्रवेश करना पड़ता है लेकिन रिंग रोड के बनने के बाद शहर के भीतरी हिस्से में पहुंचे बगैर ही जबलपुर से दूसरे जिलों तक पहुंचा जा सकेगा. यह रिंग रोड प्रदेश की सबसे बड़ी रिंग रोड होगी, इस रिंग रोड को भी आने वाले 50 सालों को दृष्टिगत रखते हुए बनाया जाएगा. इसके बनने के बाद जबलपुर में आवश्यक यातायात के बोझ को कम किया जा सकेगा साथ ही जबलपुर लॉजिस्टिक हब के सपने को भी शीघ्र पूरा होगा.

रिंग रोड से जबलपुर का यातायात भी रहेगा नियंत्रित

रिंग रोड भारतमाला परियोजना में शामिल:112 किलोमीटर लंबी रिंगरोड को सड़क परिवहन मंत्री गड़करी के द्वारा भारतमाला परियोजना में शामिल कर लिया गया है. हैदराबाद जैसे महानगर जिसकी आबादी 1 करोड़ 75 लाख के लगभग है, उसके चारों ओर बनी रिंग रोड 126 किमी लंबी है और जबलपुर की आबादी जो लगभग 15 लाख है इसके चारों ओर बनने वाली रिंग रोड 112 किमी लंबी बनाई जाएगी. जबलपुर सभी दिशाओं में राष्ट्रीय राजमार्गों से घिरा हुआ हैं, एवं 6 राष्ट्रीय राजमार्ग जबलपुर शहर में आकर मिलते हैं. प्रस्तावित 112 किमी लम्बाई की बाहरी रिंगरोड इन सभी राष्ट्रीय राजमार्गो को इंटर कनेक्टिीविटी प्रदान करते हुये जबलपुर के अंदर भारी वाहनों के दबाव को कम करेगी एवं सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी.

रिंग रोड भारतमाला परियोजना में शामिल

रिंगरोड की खासियत:

  • रिंगरोड की लम्बाई, भारत के अधिकांष शहरों की अपेक्षा सर्वाधिक है, जिससे कि जबलपुर शहर को आने वाले 50 वर्षों तक विकास की नयी उचाईयाँ प्राप्त करने में गति प्राप्त होगी.
  • जबलपुर के चारों ओर स्थित 6 राष्ट्रीय राजमार्गो के कारण अपने विकास को बिना किसी व्यवधान, पर्यावरण की सुरक्षा, यातायात की सुरक्षा के साथ, नये सौपान को प्राप्त कर सकेगा जो कि महाकौशल क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी.
  • निर्माण के लिये लगभग 550 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण लगभग 250 करोड़ की लागत से किया जाएगा.
  • रिंगरोड परियोजना को लगभग 3 हजार करोड़ की लागत से निर्मित की जाएंगी.
  • रिंगरोड का निर्माण सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये चार लेन अनुसार किया जाएगा, प्रस्तावित रिंगरोड़ एक्ससेस कंट्रोल पद्धति के आधार पर निर्मित की जाएगी.
    इसके दोनों और दो लेन चौड़ी सर्विस रोड निर्मित की जाएगी. परियोजना के अंतर्गत 8 बड़े पुल, 38 छोटे पुल, 264 छोटी पुलिया, 3 आरओबी वडक्ट, 7 फ्लाईओवर 1 ओवरपास, तथा 30 अंडरपास, निर्मित किया जाएंगे.
  • परियोजना के अंतर्गत, पर्यावरण संरक्षण हेतु सड़क के मध्य और किनारों पर 2 लाख पौधे लगाये जाएंगे, भू-जल के संधारण के लिये 448 वर्षा जल संग्रहण प्रणाली लगाई जाएंगी.
  • रिंगरोड को अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ क्लोज्ड टोलिंग की पद्धति पर निर्मित किया जाएगा एवं यातायात की निगरानी हेतु पूर्ण मार्ग पर कैमरे लगाए जाएंगे.
    परियोजना के अंतर्गत, जबलपुर की पहचान गेड़ाघाट एवं धुआधार जलप्रपात की डारेक्ट कनेक्टिविटी हेतु 27 किमी की दो लेन चौड़ी सड़क भी निर्माण हेतू प्रस्तावित हैं.
  • रीवा, सतना, मण्डला, कटनी से आने वाले यात्रियों को शहर के भीतर यातायात से निजात दिलाने हेतु रिंगरोड से एयरपोर्ट की सीधी कनेक्टिविटी भी परियोजना में शामिल की गई है.
    पर्यटकों को होगी अलग प्रकार के अनुभव की अनुभूति

पर्यटकों को होगी अलग प्रकार के अनुभव की अनुभूति:साथ ही नर्मदा नदी जो कि जबलपुर शहरवासियों के लिये मां तुल्य हैं, और नर्मदा नदी पर पर प्रस्तावित दोनों ही पुलों को स्टेट ऑफ आर्ट टेक्नोलॉजी के तहत आइकॉनिक ब्रिज के रूप में प्रस्तावित किया गया है. यह तकनीक और सुंदरता की मिसाल होंगे, साथ ही भेड़ाघाट के समीप बनने वाले पुल पर, होटल एवं रोपवे का प्रावधान भी किया गया है जो आधुनिक स्वरूप में सामने आएगा. इससे भेड़ाघाट घूमने आने वाले पर्यटकों को एक अलग प्रकार के अनुभव की अनुभूति हो सके.

मंत्री नितिन गडकरी रखेंगे आधारशिला:बहरहाल भारत सरकार ने जबलपुर रिंग रोड के निर्माण के लिए मंजूरी देने के साथ ही इसे भारतमाला परियोजना में भी शामिल कर लिया है. प्रदेश के सबसे बड़े रिंग रोड का भूमि पूजन करने खुद केंद्रीय भूतल परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी जबलपुर पहुंचने वाले हैं. वे जबलपुर में 7 नवंबर को प्रदेश के सबसे बड़े 112 किलोमीटर लंबी रिंग रोड के निर्माण की जहां आधारशिला रखेंगे. वहीं जबलपुर शहर में बन रहे सबसे बड़े फ्लाईओवर के अतिरिक्त निर्माण कार्य का भी शुभारंभ करेंगे.

(Longest Ring Road of MP) (Union Minister Nitin Gadkari) (Ring road Bhoomi Pujan on November 7)

Last Updated : Nov 4, 2022, 12:24 PM IST

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