जबलपुर में 300 करोड़ की लागत से बनेगा सपनों का स्टेशन जबलपुर। यहां के सांसद राकेश सिंह ने आज पश्चिम मध्य रेलवे के जनरल मैनेजर के साथ एक बैठक रखी थी. इस बैठक में जबलपुर के रेलवे स्टेशन का एक खाका तैयार किया गया है. यह किसी हसीन सपने जैसा है. राकेश सिंह ने बताया एक ऐसा स्टेशन तैयार किया जा रहा है, जो प्रदेश के सबसे अच्छे माने जाने वाले कमलापति रेलवे स्टेशन से भी बेहतर होगा. इसे 72 मीटर लंबा 2 फ्लोर का रेलवे स्टेशन बनाया जा रहा है.
स्टेशन आभास कराएगा कि आप जबलपुर में हैंः इस यादगार स्टेशन में ऊपर फूड प्लाजा, रेस्ट रूम, बुजुर्गों के लिए अलग व्यवस्था विकलांगों के लिए अलग व्यवस्था होगी. इसके अलावा साफ-सुथरे बाथरूम रुकने की व्यवस्था जैसी कई सुविधाएं होंगी. नीचे टर्मिनल स्टेशन होगा, जहां से दोनों ओर की रेलगाड़ियां शुरू होगी. इसके अलावा रेलवे स्टेशन को देखकर ही आपको इस बात का अंदाजा हो जाएगा कि आप जबलपुर में हैं. मतलब रेलवे स्टेशन पर भेड़ाघाट के मार्बल रॉक्स का आभास करवाया जाएगा. योजना तो यहां तक है कि मार्बल रॉक्स की एक प्रतिकृति भी स्टेशन के पास बनाई जाएगी. स्टेशन पर लोगों को आने-जाने के लिए गोल्फ कार्ट मिलेगी.
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300 करोड़ का रेलवे स्टेशनःसांसद राकेश सिंह का कहना है कि इस स्टेशन को बनाने में 300 करोड़ों रुपए का खर्च आएगा. हालांकि मोदी सरकार अपना अंतिम बजट पेश कर चुकी है. अगले साल चुनाव हैं, ऐसी स्थिति में यह पैसा कहां से आएगा और कौन लाएगा यह एक बड़ा सवाल है. इस रेलवे स्टेशन का नाम जबलपुर रेलवे स्टेशन होने की बजाय रानी दुर्गावती के नाम पर करने की भी चर्चा की जा रही है. हालांकि राकेश सिंह ने इसमें फिलहाल असमर्थता जाहिर की है. उनका कहना है कि जबलपुर हवाई अड्डे का नाम रानी दुर्गावती के नाम पर रख दिया है. स्टेशन का नाम रानी दुर्गावती के नाम पर होना चाहिए, लेकिन यह सरल काम नहीं है जल्द अंजाम नहीं दिया जा सकता.
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जबलपुर के पेंडिंग कामः सपनों का यह स्टेशन कब बनेगा इसकी कोई पुख्ता तारीख नहीं है. इसके अलावा जो काम अब तक हो जाने चाहिए थे वह भी नहीं हुए हैं. जैसे जबलपुर मदन महल स्टेशन में 120 करोड़ रुपए से एक टर्मिनल स्टेशन बनना था. बीते कई सालों से यह चर्चा थी की मुंबई की रेलगाड़ी बड़ी स्टेशन से और दिल्ली की रेलगाड़ी मदन महल स्टेशन से चलेंगीं. यह काम अभी तक पूरा नहीं हो पाया, बल्कि मदन महल स्टेशन की हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई है. यहां स्टेशन पर पूरे में सीलिंग तक नहीं लगी है. बरसात में जबलपुर आने वाले लोगों के लिए भीगते हुए ही ट्रेन से उतरना और जाना पड़ता है. हालांकि राकेश सिंह का कहना है कि अक्टूबर तक यह काम पूरा हो जाएगा. सांसद बीते कई सालों से जबलपुर को महानगर बनाने की कोशिश में लगे हैं. इसके बावजूद आज की तारीख तक जबलपुर की गिनती महानगरों में नहीं हो पाई है. अब जबलपुर का रेलवे स्टेशन एक नया सपना है.