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चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने में नाकाम एमपी पुलिस

संस्कारधानी में चोरी का ग्राफ लगातार तेजी से बढ़ रहा है. अगर तीन साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो ये आंकड़े चौकाने वाले हैं. लिहाजा चोरों पर अंकुश लगाने के लिए मध्यप्रदेश पुलिस को आंध्र प्रदेश पुलिस की तर्ज कर काम करने की जरूरत है.

Jabalpur Police
जबलपुर पुलिस

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Published : Dec 31, 2020, 5:06 PM IST

Updated : Dec 31, 2020, 5:24 PM IST

जबलपुर।जबलपुर जिले में लगातार बढ़ती चोरी की घटनाओं ने पुलिस की कार्यप्रणाली को सवालों को घेरे में खड़ा कर दिया है. जबलपुरवासी भी पुलिस गश्त पर सवालिया निशान उठाने लगे हैं. जबलपुर में चोरों का दिन में सूने मकानों में रैकी करना और फिर रात में हाथ साफ कर देना आम हो गया है. हालांकि जबलपुर पुलिस की दलील है कि जिले में चोरी की घटनाओं पर काफी हद तक अंकुश लगाया गया है.

जबलपुर में बढ़ रही चोरी की घटनाएं

चौकसी के बाद भी नहीं रुकी चोरियां

चोरों से निपटने के लिए आंध्रप्रदेश पुलिस जहां आधुनिक तरीके से चोरों पर अंकुश लगाने में जुटी हुई है. तो वहीं मध्य प्रदेश पुलिस चोरी की वारदात रोकने में नाकाम साबित हो रही है. बात करें अगर मध्य प्रदेश के संस्कारधानी जबलपुर की तो यहां चोरी की घटना कम होने का नाम ही नहीं ले रही है.

  1. 2020 लॉकडाउन में भी चोरी की वारदात रुकी नहीं है.
  2. साल 2018 में 211 चोरी के मामले दर्ज है.
  3. साल 2019 में यह आंकड़ा 244 हो गया.
  4. वहीं लॉकडाउन के दौरान 4 माह में यह आकंड़ा 237 रहा.

घरों के टूटे ताले

2018 की अपेक्षा 2019-20 में चोरी जरूर कम हुई है. आंकड़ों पर नजर डाले तो 2018 में 520 घरों के ताले टूटे. वहीं 2019 में 390 और 2020 में 328 घरों से चोरी पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज की गई है.

केवल 138 चोरी का हुआ खुलासा

जबलपुर पुलिस के मुताबिक 2020 में घरों के ताले तोड़कर हुई 328 चोरी में से 138 चोरी का खुलासा हुआ था. पुलिस ने 87,33,506 रुपये की संपत्ति चोरों से बरामद की है. एएसपी गोपाल खांडेल का कहना है कि जबलपुर पुलिस हमेशा से ही चोरों के खिलाफ बड़े एक्शन लेते आई है. उन्होंने कहा है कि जिले में जितने भी आदतन चोर होते हैं. उनकी लिस्ट पुलिस के पास रहती है. हमेशा पुलिस की नजरों में उन पर रहती हैं. इसके अलावा चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए मौहल्ले और नगर समिति के सदस्य की भी मदद पुलिस लेते आई है.


पहले रैकी, फिर चोरी की वारदात

सूत्रों की मानें तो चोर दिन में रैकी करने बाद रात को सूने मकानों को अपना निशाना बनाते हैं. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोपाल खंडेल की मानें तो जो व्यक्ति अपने घर में ताला लगाकर छोड़कर जाते है. वह स्थानीय थाने में इसकी सूचना नहीं देते हैं. जिसके बाद चोरी जैसे बड़ी घटनाएं उसके साथ घटित हो जाती है. उन्होंने आमजन से अपील की है कि जब कभी भी अपने घर में ताला लगाकर जाए तो संबंधित थाने में इसकी इतना जरूर कर दें.

पुलिस की गश्त पर आमजन ने उठाए सवाल

रोजाना 24 घंटे गश्त में रहने वाली पुलिस की दलील पर आमजन बिल्कुल भी सहमत नहीं है. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर पुलिस इमानदारी से गश्त करें और चोरों पर नजर रखें तो कभी भी किसी घर का ताला नहीं टूटेगा. ना ही कभी किसी के घर चोरी होगी. स्थानीय निवासी सुधीर दुबे बताते हैं कि उनके मोहल्ले में आए दिन चोरी होती आ रही है. हालांकि कुछ चोरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पर पूरी तरह से चोरी पर अंकुश लगाने में पुलिस नाकाम साबित हुई है.

आंध्र प्रदेश की तर्ज पर करना होगा काम

जिस तरह से घरों की चोरी रोकने के लिए आंध्र प्रदेश पुलिस ने कई तकनीकों को इजात किया है. अगर मध्य प्रदेश पुलिस भी आंध्रप्रदेश की तकनीक अपनाती है तो निश्चित रूप से चोरी के आंकड़े काफी हद तक कम हो सकते है. बहरहाल अब देखना यह होगा कि मध्य प्रदेश पुलिस चोरी पर अंकुश लगाने के लिए क्या आंध पुलिस के तकनीक को अपनाती है.

Last Updated : Dec 31, 2020, 5:24 PM IST

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