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शराब की दुकानें खोलने के लिए मजबूर नहीं कर सकती MP सरकार, हाई कोर्ट में बोले ठेकेदार - शराब ठेके पर टकराव

मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान शराब ठेकेदारों ने तर्क दिया है कि सरकार उन्हें जबरन शराब की दुकानें खोलने के लिए मजबूर नहीं कर सकती है, इसके जवाब में उन्होंने पंजाब हाईकोर्ट के उस फैसले को कोर्ट में कोट किया, जो ठेकेदारों के पक्ष में आया था.

Liquor contractor reached the High Court on the matter of opening shop
दुकान खोलने के मामले पर हाईकोर्ट पहुंचे शराब ठेकेदार

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Published : May 19, 2020, 7:52 PM IST

Updated : May 19, 2020, 8:24 PM IST

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में शराब ठेकेदारों की ओर से लगाई गई याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई, जिसमें शराब ठेकेदारों ने तर्क दिया है कि सरकार उन्हें जबरन शराब की दुकान खोलने के लिए मजबूर नहीं कर सकती, इसके लिए पंजाब हाईकोर्ट के एक फैसले का भी जिक्र किया, जिसमें कोर्ट ने शराब दुकान खोलने के लिए शराब ठेकेदार के पक्ष में फैसला दिया था.

दुकान खोलने के मामले पर हाईकोर्ट पहुंचे शराब ठेकेदार

शराब ठेकेदारों का कहना है कि 3 महीने पहले जब शराब ठेकों की नीलामी हुई थी, तब जो परिस्थितियां थी, वो अलग थी, इसलिए उन्होंने ज्यादा रकम पर ठेके लिए थे, लेकिन अब परिस्थितियां पूरी तरह से बदल गई हैं, ऊपर से शराब ठेके के साथ अहाता चलाने की अनुमति भी नहीं दी जा रही है, ऐसे में ठेकेदारों को नुकसान हो रहा है, इसलिए ठेकेदार शराब दुकान खोलने के लिए तैयार नहीं हैं, जबकि सरकार दुकान खुलवाने का दबाव बना रही है.

ठेकेदारों का कहना है कि बदली परिस्थितियों में दोबारा से ठेके नीलाम किए जाने चाहिए, जबकि सरकार की ओर से आए जवाब में कहा गया है कि राज्य सरकार मंत्रियों का एक समूह बना रही है, जो इस मामले में नफा-नुकसान का आंकलन करेगी और फैसला लेगी. ठेकेदारों की ओर से पैरवी कर रहे सीनियर एडवोकेट नमन नागरथ ने कहा कि इस मामले में 27 तारीख को सरकार की ओर से जवाब पेश किया जाएगा और अंतिम बहस की जाएगी.

Last Updated : May 19, 2020, 8:24 PM IST

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