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सरकार की रिपोर्ट दावाः पांच जिलों में लगा दी सीटी स्कैन मशीन

9 जिलों के जिला अस्पतालों में टेंडर जारी किए जाने के बावजूद भी सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाई गई. जिसके खिलाफ हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई 19 मई को रखते हुए स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं.

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सरकार की तरफ से पेश की गयी रिपोर्ट

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Published : May 17, 2021, 8:30 PM IST

जबलपुर।कटनी सहित 9 जिलों के जिला अस्पतालों में टेंडर जारी किए जाने के बावजूद भी सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाई गई. जिसके खिलाफ हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. याचिका पर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधनर की युगलपीठ को बताया गया कि पांच जिलों में सीटी स्कैन मशीन लगा दी गई है, और दूसरे जिलों में कार्य जारी है. युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई 19 मई को रखते हुए स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये हैं.

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ये लिखा था याचिका में

कटनी मुड़वारा निवासी एनयूएसआई जिलाध्यक्ष दिव्यांशू उर्फ अंशु मिश्रा की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि कटनी के जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन के लिए वर्ष 2017 में टेंडर निकाला गया था. वर्ष 2018 में सीटी स्कैन मशीन लगाने का ठेका मेसर्स सिद्धार्थ एमआरआई एंड सीटी स्कैन कंपनी को मिला. याचिका में आरोप लगाते हुए कहा गया था कि 20 माह से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाई गई. मशीन लगाने के लिए स्थान का आबंटित कर दिया गया था. कोरोना काल में जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन की काफी आवश्यकता पड़ रहीं है.

याचिका में कहा गया था कि संबंधित कंपनी को कटनी के साथ ही मंडला, रतलाम, बालाघाट, मंदसौर, शाजापुर, धार, खंडवा और शहडोल के जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन लगाने का ठेका मिला था, लेकिन कंपनी ने अब तक एक भी जिले में सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाई है.

हाई कोर्ट ने ये दिए थे निर्देश

याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सभी जिलों में अप्रैल 2021 मे स्थापित करने के निर्देश दिए थे. इसके अलावा लेटलतीफी के लिए दोषी व्यक्तियों को पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे. पहले की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश किए गए जवाब में कहा गया था, कि दीनदयाल, आयुष्मान और बीपीएल कार्ड धारियों के लिए फ्री सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है. एपीएल के लिए 932 रूपए शुल्क लिया जा रहा है.

याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से पेश किए गए आवेदन में कहा गया था कि एपीएल वर्ग से सीटी स्कैन के लिए ढाई हजार रूपए लिए जा रहे है. इस संबंध में आवेदन के साथ बिल की रसीद भी पेश की गई थी. सुनवाई के बाद युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किए. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता योगेश सोनी पैरवी कर रहे हैं.

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