जबलपुर: एक जुमला है कि जो दौड़ में भी शामिल नहीं था वह रेस जीत गया, जबलपुर में कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में आए एक नेता को युवक कांग्रेस चुनाव में पार्टी ने उम्मीदवार भी बना दिया और महासचिव भी बना लिया, जबकि उसका कहना है कि वह कई माह पहले ही कांग्रेस छोड़ चुका है और भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर चुका हैं.
युवा कांग्रेस चुनाव में फर्जी वाड़ा! भाजपा में शामिल हो चुके नेता को चुना गया युवा कांग्रेस महासचिव
जबलपुर में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए एक नेता को युवक कांग्रेस चुनाव में पार्टी ने उम्मीदवार भी बना दिया और महासचिव भी चुन लिया गया, जबकि उसका कहना है कि वह कई माह पहले ही कांग्रेस छोड़ चुका है और भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर चुका है.
जबलपुर के हर्षित सिंघाई कभी कांग्रेस के छात्र नेता हुआ करते थे और एनएसयूआई के नगर अध्यक्ष थे, लेकिन वह भी सिंधिया समर्थक थे और जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ने के साथ ही हर्षित सिंघाई ने भी कांग्रेस को बाय-बाय कह दिया था और वह बीजेपी ज्वाइन कर ली थी, उन्होंने कांग्रेस को छोड़ने का एक मेल भी कांग्रेस पदाधिकारियों को भेजा था. कांग्रेस में रहते हुए हर्षित ने प्रदेश अध्यक्ष के लिए तीन साल पहले फॉर्म भरा था, लेकिन तीन साल में युवक कांग्रेस के चुनाव ही नहीं हुए और जब चुनाव हुए तब तक हर्षित कांग्रेस छोड़ चुके थे. लेकिन, हर्षित का नाम ऑनलाइन लिस्ट में डाला हुआ था. हर्षित सिंघाई को 12 वोट मिल भी गए और वे युवक कांग्रेस के महासचिव भी बना दिए गए, अब हर्षित का कहना है कि जब उन्होंने चुनाव लड़ा ही नहीं तो उन्हें उम्मीदवार क्यों बनाया गया और फिर पद क्यों दिया गया. उनका आरोप है कि कांग्रेस उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रही है.
भारतीय जनता पार्टी के मीडिया पैनलिस्ट जमा खान का कहना है कि इससे साबित हो गया कि कांग्रेस में चुनाव किस तरीके से होते हैं. भाजपा नेता का आरोप है कि कांग्रेस कहती है कि वह संगठन में भी लोकतांत्रिक तरीकों का इस्तेमाल करती है और सब कुछ पाक साफ है तो फिर हर्षित कैसे चुनाव मैदान में आ गए और कैसे एक नेता पुत्र ही प्रदेश अध्यक्ष बना, उनका आरोप है कि यह सब झूठा है.