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IT पार्क में बड़ी कंपनियों का टोटा, इंजीनियरों को दिहाड़ी मजदूरों के बराबर दी जा रही सैलरी

रामपुर पहाड़ी पर आईटी कॉम्प्लेक्स की लगभग पांच इमारत बनी हैं. जिनका बीते पांच सालों से निर्माण कार्य चल रहा था. इनमें से केवल एक ही बिल्डिंग बनकर तैयार हुई है, यहां कंप्यूटर नेटवर्किंग से जुड़े उद्योगों को लाने की बात कही गयी थी. लेकिन अब तक कोई इनवेस्टर्स नहीं आया है.

IT पार्क में बड़ी कंपनियों का टोटा

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Published : Apr 19, 2019, 1:58 PM IST

जबलपुर। देश में इन दिनों चुनाव का मौसम है. नेता जनता को बड़े-बड़े ख्वाब दिखा रहे हैं. बीते सालों में ऐसा ही एक ख्वाब जबलपुर की जनता को दिखाया गया था कि शहर में एक आईटी पार्क बनाया जाएगा, जिसमें कंप्यूटर नेटवर्किंग और आईटी से जुड़ी कंपनियां आएंगी. इससे युवाओं को रोजगार मिलेगा और शहर को सिलिकॉन वैली और साइबर सिटी के रूप में डेवलप किया जाएगा, लेकिन वह ख्वाब अब तक जमीनी स्तर पर नहीं उतर सका है.

IT पार्क में बड़ी कंपनियों का टोटा


शहर की रामपुर पहाड़ी पर आईटी कॉम्प्लेक्स की लगभग पांच इमारत बनी हैं. जिनका बीते पांच सालों से निर्माण कार्य चल रहा था. इनमें से केवल एक ही बिल्डिंग बनकर तैयार हुई है, जबकि अन्य इमारतें अब भी अधूरी पड़ी हुई हैं. कई प्लॉट भी कई कंपनियों ने लिए हैं, जहां वे कंप्यूटर नेटवर्किंग से जुड़े उद्योगों को बनाने की बात कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई इनवेस्टर्स नहीं आया है.


300 करोड़ की लागत से बना यह आईटी पार्क अब तक केवल पांच छोटी-छोटी कंपनियों को ही अपनी ओर आकर्षित कर पाया है. इनमें से भी ज्यादातर कंपनियों में आईटी के नाम पर टेली कॉलिंग का ही काम चल रहा है. यहां करोड़ों रुपया खर्च करने के बाद भी अब तक मात्र 700 लोगों को ही रोजगार मिल पाया है. अभी जो कंपनियां काम कर रही हैं, उनमें केवल पेटीएम बड़ा नाम है. दूसरी बड़ी कंपनी बिजली विभाग की टेली कॉलिंग कंपनी है. दो-तीन छोटी कंपनियां और हैं. यहां ज्यादातर जबलपुर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ाई कर चुके युवा ही काम कर रहे हैं.


सम्मानजनक वेतन को तरस रहे IT प्रोफेशनल्स
गंभीर मुद्दा यह है कि ज्यादातर युवाओं को 6 हजार से लेकर 10 हजार तक की तनख्वाह दी जा रही है. युवाओं का कहना है कि यह पैसा बहुत कम है. यदि नेताओं ने सही काम किया होता और ज्यादा कंपनियां यहां आई होतीं तो शायद सैलरी ज्यादा होती. दोनों ही पार्टियों के नेताओं के दावे हैं कि हमने जबलपुर में आईटी हब बना दिया है, लेकिन इस आईटी हब में आईटी प्रोफेशनल्स को दिहाड़ी मजदूरों से कम तनख्वाह मिल रही है. जबलपुर के युवाओं को उम्मीद है कि इस मामले में कुछ ध्यान दिया जाएगा. दूसरी बड़ी कंपनियों को जबलपुर में लाने की कोशिश की जाएगी, ताकि उन्हें कम से कम एक सम्मानजनक वेतन मिल सके.

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