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उमा भारती के बाद स्वामी अखिलेश्वरानंद महाराज ने की शराबबंदी की मांग

मध्यप्रदेश में लगातार शराबबंदी की मांग उठ रही है. पूर्व सीएम उमा भारती और पूर्व मंत्री अजय विश्नोई के बाद पशुधन संवर्धन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष स्वामी संत अखिलेश्वरानंद महाराज ने शराबबंदी की मांग की है.

Akhileshwaranand Maharaj
स्वामी अखिलेश्वरानंद

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Published : Jan 25, 2021, 11:59 AM IST

Updated : Jan 25, 2021, 12:09 PM IST

जबलपुर।मध्यप्रदेश में शराबबंदी को लेकर शिवराज सरकार अपनों के बीच ही घिरती नजर आ रही है. पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और पूर्व मंत्री अजय विश्नोई के बाद अब पशुधन संवर्धन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष स्वामी संत अखिलेश्वरानंद महाराज ने प्रदेश में शराबबंदी की बात कही है. उन्होंने उमा भारती के शराबबंदी वाले बयान पर सहमति जताई है.

शराबबंदी की मांग

नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान भी की गई थी शराबबंदी की मांग

मध्यप्रदेश गोपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी महाराज ने कहा कि जिस समय मध्यप्रदेश में नर्मदा सेवा यात्रा निकाली जा रही थी, उस दौरान भी शराबबंदी को लेकर जोर दिया गया था. लिहाजा राज्य सरकार ने नर्मदा तट से लगे इलाकों में पूर्णतया शराबबंदी के निर्देश दे दिए. जिसको बाद में जाकर अमल में भी लाया गया. आज नर्मदा तट से लगे 200 से 300 मीटर दूर तक शराब दुकान नहीं है.

एक दिन में नहीं हो सकती शराब बंद

स्वामी अखिलेश्वरानंद महाराज ने कहा कि हम भी चाहते हैं कि प्रदेश में शराब बंद हो जाए, लेकिन इसके लिए समय लगेगा. क्योंकि एक दिन में ही पूरे प्रदेश में शराब बंद हो जाए ऐसा हो नहीं सकता, वहीं उन्होंने कहा कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने जिस तरह से शराबबंदी को लेकर अपनी इच्छा जाहिर की थी उससे वे पूरी तरह से सहमत हैं.

राज्य सरकार को शराब से मिलता है एक बड़ा राजस्व

मध्य प्रदेश सरकार को शराब की बिक्री से एक बड़ा राज्स्व मिलता है. यही वजह है कि गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी शराबबंदी को दरकिनार करते हुए प्रदेश में और शराब दुकान खोलने की बात कही थी. वहीं इसके उलट स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी महाराज ने कहा कि राजस्व के लिए और भी विकल्प खोजे जा सकते हैं. आबकारी विभाग और अन्य कामों के जरिए भी अपना राजस्व बढ़ा सकता है. फिलहाल प्रदेश में शराबबंदी हो यही सभी की इच्छा है.

उमा भारती ने शराबबंदी को लेकर किए थे आठ ट्वीट

हाल ही में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद उमा भारती ने शुक्रवार को लगातार आठ ट्वीट करते हुए शराबबंदी की मांग की थी. उमा भारती ने अपने ट्वीट में स्पष्ट कहा था कि सरकार ही शराब पिलाने का प्रबंध करती है. जैसे मां की जिम्मेदारी अपने बच्चे को पोषण करते हुए रक्षा करने की होती है. वहीं मां अगर बच्चे को जहर पिला दे तो सरकारी तंत्र द्वारा भी शराब दुकान खोलना ऐसा ही है. उमा भारती ने एक बार फिर सरकार से सख्त लहजे में कहा कि अगर मां ही बच्चे का मांस खाने लगे तो मैं उस मां को मां नहीं बल्कि कुमाता कहूंगी. वहीं उन्होंने शराबबंदी को लेकर कहा था कि वे सीएम शिवराज से बात करेंगी.

पढ़ें:उमा भारती के ट्वीट पर नरोत्तम मिश्रा का बयान,'मैंने अपनी बात रखी और दीदी ने अपनी'

सभी को अभिव्यक्ति की आजादी - नरोत्तम मिश्रा

बता दें मुरैना जहरीली शराब कांड के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने प्रदेश शराब दुकानों की संख्या बढ़ाने की बात कही थी, जिस पर सीएम ने कोई फैसला ना होने की बात कही थी. वहीं उमा भारती के ट्वीट पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि यहां अभिव्यक्ति की आजादी है. सभी को अपना विषय रहने का पूरा अधिकारी है. उमा भारती हमारी राष्ट्रीय नेता है. संगठन और सरकार दोनों उनकी बात को गंभीरता से लेगा. ऐसी मेरी मान्यता है. मैंने अपनी राय रखी और दीदी (उमा भारती) ने अपनी राय रखी अब फैसला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को करना है.

Last Updated : Jan 25, 2021, 12:09 PM IST

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