जबलपुर।हर कोई अपनी शादी को खास बनाना चाहता है, ताकि ये पल जिंदगी भर के लिए यादगार बन जाए. जिसे लेकर शादियों में काफी फिजूलखर्ची भी की जाती है. लेकिन जबलपुर में हुई आसवानी परिवार की शादी ने एक मिसाल पेश करते हुए समाज के लिए संदेश दिया. ये शादी बाकी शादियों से अलग थी क्योंकि इसके मेहमान दिव्यांग छात्र और वृद्ध आश्रम में रहने वाले बुजुर्ग थे, जिन्हें बुलाकर पहले तो अच्छे से खाना खिलाया गया फिर अलग अदांज में मेहमाननवाजी की गई.
बेटे की शादी में अनूठी पहल, दिव्यांग बच्चों और बुजुर्गों की जमकर खातिरदारी
जबलपुर के आसवानी परिवार ने अपने बेटे की शादी में एक अनूठी पहल शुरू की. इस परिवार ने फिजूलखर्ची ना करके दिव्यांग बच्चों और वृद्ध आश्रम के बुजुर्गों को बुलाया और खूब खातिरदारी की.
खूब की खातिरदारी, हर तरफ चर्चा
आमतौर पर बड़े घरों की शादियों में आधुनिक जमाने के तमाम इंतजाम होते हैं, वैवाहिक आयोजनों की भव्यता को चार चांद लगाने के लिए कैटरिंग से लेकर मेहमान और बारातियों का खास स्वागत किया जाता है. वहीं आसवानी परिवार की शादी इतनी खास थी कि जबलपुर में हर कोई इस खास शादी की चर्चा और तारीफ कर रहा है.
अपने बेटे की शादी में माता की चौकी कार्यक्रम में दिव्यांग बच्चों और वृद्ध आश्रम के बुजुर्गों को न सिर्फ घर बुलाया बल्कि बैठाकर अपने हाथों से खाना भी खिलाया, साथ ही बुजुर्ग और
दिव्यांग बच्चों ने जमकर किया डांस
कायम रहेगी अनूठी पहल आसवानी परिवार की इस शादी को जिसने देखा वो बस देखता ही रह गया. वहीं अन्य लोगों ने भी इस अनूठी प्रथा को कायम करने की बात कही.