इंदौर। शरीर में पौष्टिक आहार की पूर्ति के लिए ताजी हरी सब्जियों और फलों का सेवन बहुत जरूरी है, लेकिन इस आधुनिक और तकनीकी युग में शुद्ध एवं जैविक सब्जियां एक चुनौती बनकर रह गई है. बाजार में धड़ल्ले से बिक रही केमिकल युक्त सब्जियां मानव शरीर के लिए किसी जहर से कम नहीं है. ऐसे में अब घर-घर में शुद्ध और जैविक सब्जियों की जरूरत महसूस की जा रही है. इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए इंदौर के एक युवा ने गमले में जैविक सब्जियों की खेती का स्टार्टअप किया है. इस स्टार्ट अप के जरिए युवा किसान हर्ष अब घर-घर लोगों को जैविक सब्जियां उपल्बध करा रहे हैं.
पेस्टिसाइड के कारण जहरीली हो रही फल-सब्जियां
हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के ज्यादातर राज्यों में बिकने वाली सब्जियां पेस्टिसाइड के कारण शरीर के लिए घातक पाई गईं हैं, जो कैंसर समेत किडनी फेल होने जैसी अन्य घातक बीमारियों की वजह बन रही हैं. इन हालातों में हर किसी को शुद्ध और जैविक सब्जियों की जरूरत है. जबकि उपलब्धता के लिहाज से जैविक सब्जियों की मात्रा सीमित है. ऐसे में आम लोगों की इसी परेशानी को ध्यान में रखते हुए इंदौर के युवा हर्ष निहलानी अपने खेत में उच्च क्वालिटी की जैविक सब्जियां तैयार कर कर रहे हैं, साथ ही इन सब्जियों को लोगों के घर-घर पहुंचा रहे हैं.
तीन महीने पहले शुरू किया स्टार्टअप
युवा किसान हर्ष नेहलानी ने जैविक खेती की उपल्बधता के लिए अपने फार्म हाउस में तीन महीने पहले ही सैकड़ों की तादात में वर्मी कंपोस्ट जैविक खाद और कई प्राकृतिक उपायों से गमले तैयार किए. इसके बाद फिर उनमें टमाटर, बैंगन, मिर्च, शिमला मिर्च और कई सब्जियों को उगाया. इन तमाम गमलों में बड़ी मात्रा में सब्जियां उग आई हैं, तो इन्हें जरूरत के मुताबिक बेचकर इन गमलों की घर-घर होम डिलीवरी दी जा रही है. दरअसल जिस मात्रा में इन गमलों में सब्जियां उग रही हैं, उसे देख कर हर कोई इन्हें घर में ही संबंधित सीजन की सब्जियों की आपूर्ति होने के कारण 300 से 400 रुपए प्रति गमले के हिसाब से लोग खरीद रहे हैं.