इंदौर।जिले से काबुली चने की मुनाफाखोरी और कालाबाजारी का मामला सामने आया है. जिले के करीब एक दर्जन अनाज व्यापारी इंपोर्ट एक्सपोर्ट के बहाने किसानों को ठगने में जुटे थे. जब मुंबई कस्टम की टीम ने छारेमार कार्रवाई की तो इन व्यापारियों के गोरखधंधे का खुलासा हुआ.
काबुली चने के कारोबारियों पर कार्रवाई दरअसल एक शिकायतकर्ता ने प्रधानमंत्री कार्यालय और डीजीएफटी में इस मामले की शिकायत की थी जिस पर कार्रवाई करते हुए इंदौर की रजत इंटरप्राइजेज, प्रकाश ओवरसीज़, पवन इंडस्ट्री और इंद्रप्रस्थ फूड प्राइवेट लिमिटेड पर 10 से ज्यादा टीमों ने छापेमार कार्रवाई की.बता दें कि व्यापारियों की फर्मों ने 7 हजार रुपये प्रति क्विंटल चने के भाव को गिराकर लगभग 4500 रुपए पर ले आए, साथ ही इन व्यापारियों ने जो चने को 2800 रुपए प्रति क्विंटल से भाव से इम्पोर्ट किया, वो माल 4100-4300 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से बेसन प्लांट्स को बेचकर मुनाफा कमाया.इंडियन काबुली चने की डिमांड विदेशों में कमजोर थी. इन हालातों में माल को 90 दिनों के भीतर इम्पोर्ट अगेंस्ट एक्सपोर्ट करना जरूरी होता है, लिहाज़ा इन व्यापारियों ने लगातार बाजार भाव को गिराते हुए डिमांड न होते हुए भी कम भाव का लालच देते हुए माल एक्सपोर्ट किया. फरवरी से मई तक महज 3-4 महीनों में मध्यप्रदेश का किसान के लगभग 25 लाख बोरी माल का भाव 500 से 1000 रुपये गिराया गया और करोड़ों-अरबों रुपए का मुनाफा बड़े व्यापारियों को हुआ.