इंदौर। संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने आदिवासी संगठन 'जयस' से माफी मांगी ली है. मंत्री उषा ठाकुर ने कहा वे सभी सामाजिक सगंठनों का सम्मान करती है. मंत्री ने कहा कि यदि उनके शब्दों से किसी भी संगठनों को ठेस पहुंची है तो वे माफी मांगती हैं. बता दें कि इंदौर के महू में अंबेडकर विश्वविद्यालय के वन अधिकार उत्सव कार्यक्रम में पहुंची मंत्री उषा ठाकुर ने जयस आदिवासी संगठन को लेकर गंभीर टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने संगठन को देशद्रोही संगठन बताया था. इतना ही नहीं मंत्री उषा ठाकुर ने यह भी कहा था कि, ‘यह संगठन देश के आदिवासियों को तोड़ने का प्रशिक्षण दे रहा है, जिसके प्रमाण मिले हैं.' इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद लोगों को शपथ भी दिला दी थी. कि वे ऐसे देशद्रोही संगठनों को नहीं पनपने देंगे.
जयस को देशद्रोही संगठन बताने वाली मंत्री उषा ठाकुर ने मांगी माफी, कहा- मेरे बयान को तोड़ मरोड़कर किया गया पेश - Usha thakur apologizes
आदिवासी संगठन 'जयस' को देशद्रोही संगठन बताने वाली मंत्री उषा ठाकुर अपने बयान से पलट गई हैं. साथ माफी भी मांगी. उन्होंने कहा वो सभी संगठनों का सम्मान करती हैं. लेकिन उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया.
मंत्री के बयान के बाद जयस संगठन से जुड़े लोगों ने इस बयान का जमकर विरोध किया. जयस के प्रदेश अध्यक्ष अंतिम मुजाल्दा ने यह तक कह दिया था कि अगर तीन दिनों में मंत्री ने माफी नहीं मांगी, तो सरकार के खिलाफ न केवल आंदोलन किया जाएगा. बल्कि FIR भी दर्ज कराई जाएगी. अब मंत्री उषा ठाकुर ने स्वयं मीडिया के सामने अपनी कही गई बातों पर माफी मांग ली है. मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि ,मेरी भावनाओं से मेरे शब्दों से कोई आहत हुआ हो, तो मैं क्षमा चाहती हूं.' हालांकि उन्होंने माफी के दौरान ये भी कहा कि, ‘आदिवासियों के बीच कुछ राष्ट्र विरोधी लोग और संगठन काम कर रहे हैं, उनसे सतर्क रहना जरूरी है.’
प्रदेश में उपचुनाव अब नजदीक है. ऐसे में मंत्री के बयान से बवाल मच गया था, क्योंकि मंत्री उषा ठाकुर की टिप्पणी से आहत आदिवासी संगठनों से जुड़े लोग नाराज दिखाई दे रहे थे, जिसका सीधा नुकसान बीजेपी को आने वाले उपचुनाव में मुश्किलों में डाल सकता था. लिहाजा, ऐसे में मंत्री ने बैकफ़ुट पर आना ही बेहतर समझा.