इंदौर. प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में काम करने वाले प्रवासी मजदूरों के बीच लॉकडाउन की आहट साफ दिखाई देने लगी है. एमपी के पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में बुधवार को 11 दिन का संपूर्ण लॉकडाउन लगा दिया गया है. यहीं वजह है कि मजदूरों को आशंका है कि मध्यप्रदेश में लॉकडाउन न लगा दिया जाए. इस वजह से इंदौर की फैक्ट्रियों में काम करने वाले यूपी बिहार के मजदूर पलायन करने लगे हैं. जहां ये मजदूर रहा करते थे वह इलाका भी अब सुनसान नजर आ रहा है.
लॉकडाउन का डर, फिर छूटा घर
इंदौर में यूपी,बिहार के कई लोग यहां की बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों और औद्योगिक क्षेत्रों में काम करते हैं. 12 महीने काम मिलने के चलते उनकी गुजर बसर भी अच्छे से हो जाती है.पिछले साल से हुए कोरोना संक्रमण और लॉक डाउन के बाद से इंदौर में काम कर रहे इन मजदूरों की स्थिति काफी खराब हो रही है. पहले लॉकडाउन में जो मजदूर पलायन करके गए थे उनमें से 50 फीसदी ही वापस लौटे थे लेकिन एक बार फिर कोरोना को रफ्तार पकड़ते देखते हुए ये एक बार वापस अपने गांव लौटने लगे हैं. इंदौर के जिन इलाकों में ये लोग रहा करते थे वहां अब ताले लटके हुए नजर आ रहे हैं.
पिछली बुरी यादों में डराया
जिस तरह से पिछले साल कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन लगा था तो मजदूरों को पैदल ही अपने घर और गांवों तक पहुंचना पड़ा था. प्रवासी मजदूरों के उस डर और दर्द को देश-दुनिया ने देखा था. उसी डर की वजह से कोरोना संक्रमण को रफ्तार पकड़ते देख मजदूरों ने लॉकडाउन के आहट को महसूस कर अपने घरों की ओर लौटना शुरू कर दिया है. जबकि कई लोग तो अपने गांव वापस लौट भी चुके हैं. आने वाले दिनों में कई और परिवार भी यहां से पलायन करने पर विचार कर रहे हैं।