इंदौर।इंदौर नगर निगम में पेंशन घोटाले के रूप में चर्चित मामले में जहां कांग्रेस को बीते 17 सालों से असफलता हाथ लगी है. वहीं इस मुद्दे पर कांग्रेस के आरोप झेलने वाले बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय इसे एक षड्यंत्र मानकर चर्चा नहीं करना चाहते. बावजूद इसके कांग्रेस इस मामले में केस दर्ज कराने की कवायद अब भी जारी रखे हुए है. लिहाजा कांग्रेस की ओर से इस मामले में फिर याचिका दाखिल की गई है.
कैलाश विजयवर्गीय सहित 13 के खिलाफ शिकायत
इंदौर के बहुचर्चित पेंशन घोटाले की शिकायत कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने 2005 में की थी. इस मामले में जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो मिश्रा ने हाई कोर्ट में अपनी ओर से परिवाद दाखिल किया था. इसके बाद राज्य शासन ने इस मामले में अभियोजन स्वीकृति नहीं दी थी. इस परिवाद में केके मिश्रा की ओर से कैलाश विजयवर्गीय के अलावा तत्कालीन महापौर उमा शशि शर्मा, विधायक रमेश मेंदोला, ललित पोरवाल, शंकर लालवानी, समीर चिटनिस, कल्याण देवांग, मधु वर्मा, उस्मान पटेल, मेघा खानविलकर, सूरज केरो, नीतीश व्यास और तत्कालीन प्रमुख सचिव नगरी प्रशासन संजय शुक्ला समेत वीके जैन आदि के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की अपील की गई थी, लेकिन परिवाद में जनप्रतिनिधियों के अलावा आईएएस स्तर के अधिकारी होने के कारण हाई कोर्ट में सुनवाई के लिए राज्य शासन की अभियोजन स्वीकृति जरूरी थी. इसके बाद इस मामले में जितनी भी सुनवाई हुई, सभी में अभियोजन स्वीकृति नहीं मिली.