इंदौर।भोपाल एसटीएफ की टीम ने फर्जी दस्तावेंजों के आधार पर एमपी पुलिस में नौकरी कर रहे आरक्षक धर्मेंद्र शर्मा को अपनी हिरासत में लिया है. इंदौर के विजय नगर थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक जो कि थाने की स्पेशल टीम में शामिल है उसने गलत जानकारी देकर पुलिस विभाग में नौकरी प्राप्त कर ली थी. इसके बारे में आरक्षक के ही परिजनों ने पूरे मामले की जानकारी भोपाल एसटीएफ की टीम को दी. जानकारी के बाद Bhopal STF की टीम ने अपने स्तर पर जांच पड़ताल की, शिकायत सही मिलने पर देर रात भोपाल एसटीएफ की टीम ने इंदौर के विजय नगर थाने पर दबिश दी और आरक्षक धर्मेंद्र शर्मा को अपनी हिरासत में लेकर पूरे मामले में पूछताछ की. इस दौरान आरोपी आरक्षक धर्मेद्र शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण भी दर्ज किया गया है.
5वीं पास आरक्षक, भाई ने दिया था पेपर:मामले की जानकारी इंदौर पुलिस कमिश्नर सहित अन्य अधिकारियों को लगी तो उन्होंने भोपाल एसटीएफ के उच्च अधिकारियों से बात कर आरक्षक को नोटिस पर छोड़ देने का निवेदन किया. इसके बाद उसे नोटिस पर छोड़ा गया. काफी सालों से आरक्षक इंदौर के विजय नगर थाने पर पदस्थ था और खुफिया विभाग में जिस तरह से वह आरोपियों की धरपकड़ कर रहा था उसे पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. प्रारंभिक तौर पर यह भी बात सामने आ रही है कि आरक्षक तकरीबन पांचवी कक्षा तक पढ़ा हुआ है और पुलिस की परीक्षा उसके भाई ने दी थी और उसके बात जब रिजल्ट आया तो उसकी जगह पर धर्मेंद्र शर्मा पुलिस विभाग में नियुक्त हो गया. फिलहाल इस पूरे मामले में आने वाले दिनों में इंदौर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी आरक्षक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी कर सकते हैं.