इंदौर।मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में चोरी और डकैती के ग्राफ में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है, लेकिन पिछले साल 2020 में लॉकडाउन की वजह से इंदौर में चोरी और डकैती के ग्राफ में काफी कमी आई है. साल 2020 के आंकड़ों की बात करें, तो इंदौर में चोरी के तकरीबन 435 मामले सामने आए. वहीं साल 2019 में चोरी के आंकड़े 717 के आसपास थे. इस तरह से यदि इंदौर शहर में चोरी के आंकड़ों की बात की जाए, तो 40% चोरी के आंकड़ों में कमी आई है. इसी तरह यदि डकैती की बात की जाए, तो डकैती भी साल 2020 में चोरी के आसपास ही रही, लेकिन 2020 में डकैती की वारदातों पर पुलिस ने अंकुश लगाया है. जिसके कारण जो साल 2019 और 2018 में जो डकैती के आंकड़े सामने आए है उसमें काफी हद तक सुधार देखने को मिला है.
लॉकडाउन के बाद बढ़ी चोरी की घटनाएं - साल 2020 में लगा था लॉकडाउन, चोरी की वारदातों में कमी
साल 2020 में तकरीबन जून तक लॉकडाउन लगा हुआ था. अधिकतर समय पुलिस विभिन्न क्षेत्रों में चेकिंग अभियान व सुरक्षा व्यवस्था को संभाली हुई थी, जिसके कारण साल 2020 में चोरी के आंकड़ों में काफी कमी देखने को मिली. लॉकडाउन के कारण लोगों का आना-जाना काफी कम हो गया था, इसलिए पुलिस ने चोरी, डकैती जैसी वारदातों में अंकुश पाया था, लेकिन जिस तरह से धीरे-धीरे जून के बाद से लॉकडाउन हटने लगा, वैसे ही शहर के विभिन्न थानों में घटनाएं सामने आने लगी.
- CCTV के माध्यम से भी चोरी रोकने का प्रयास
बढ़ती अपराधिक घटनाओं को देखते हुए पुलिस ने विभिन्न थाना क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे भी लगा रही है. पिछले दिनों भी क्षेत्रों में चोरी की वारदातें सामने आई थी. अधिकतर मामलों में सीसीटीवी के आधार पर पुलिस ने आरोपियों की धरपकड़ की, लेकिन अब पुलिस आम आदमियों से निवेदन कर सीसीटीवी अपने घरों में लगाने के कह रही है.
- टाउनशिप और कॉलोनियों में हो रही चोरी और डकैती
इंदौर पुलिस ने दावा किया था कि शहर में चोरी और डकैती के ग्राफ में कमी आ रही है, लेकिन यदि बात करें इंदौर के विभिन्न थाना क्षेत्रों की टाउनशिप और कॉलोनी की, तो वहां पर आए दिन इस तरह की घटनाएं सामने आती रहती है. हाल ही में शहर के एरोड्रम थाना क्षेत्र में डकैती की वारदात सामने आई थी, जिसे अंजाम देने के लिए बाग टांडा की टीम इंदौर पहुंची और वारदात को अंजाम देकर फरार हो गई.
- रहवासी संघों का दावा, अब खुद संभालेंगे मोर्चा
बढ़ती चोरी की वारदात के सामने आने के बाद रहवासी संघ का कहना है कि वह कई बार क्षेत्र के रहवासियों से घरों में सीसीटीवी लगाने के साथ ही देर रात चौकन्ना रहने के लिए आग्रह कर चुके हैं. साथ ही उन्होंने कई बार पुलिस अधिकारियों से भी रात्रि गश्त बढ़ाने के लिए निवेदन किया, लेकिन उसके बाद भी लगातार विभिन्न जगह पर चोरी की वारदातें सामने आ रही है. वहीं अब रहवासी संघों का मानना है कि बढ़ती चोरी की वारदातों को रोकने के लिए अब वह खुद मोर्चा संभालेंगे और विभिन्न जगह पर रात्रि गश्त करेंगे.
- बेरोजगारी के कारण बढ़ी चोरी की वारदात
कुछ लोगों का यह भी मानना है कि बढ़ती चोरी के पीछे बेरोजगारी एक बड़ा कारण है. बेरोजगार युवा नशे की ओर बढ़ रहे हैं. बेरोजगार युवकों ने आपस में अलग-अलग तरह से गिरोह बना लिया जाते हैं और फिर विभिन्न थाना क्षेत्रों में चोरी की वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है.
- शहर के बाहरी लोग दे रहे वारदात को अंजाम
इंदौर आईजी हरि नारयण चारि मिश्र का कहना है कि शहर के आउटर में बसी कॉलोनियों में लगातार इस तरह की वारदातें सामने आ रही हैं. वारदातों को अंजाम देने के लिए शहर के बाहर से विभिन्न तरह के गिरोह आते हैं और वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं. इसलिए अब वारदात को रोकने के लिए पुलिस अब आउट एरिया में गश्त के साथ ही टीम को चेकिंग के लिए लगा रही है, ताकि वारदातों को रोका जा सके.
- शहर के बाहर बसी कॉलोनियों में सुरक्षा की नहीं व्यवस्था
शहर के चारों ओर आउटर पर कॉलोनियों का विकास हो रहा है, लेकिन वहां पर सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर किसी तरह की कोई सुविधा नहीं है. न ही कॉलोनी में गार्ड की व्यवस्था है और न ही सीसीटीवी से निगरानी रखी जाती है. कोई भी व्यक्ति किसी भी घर में आसानी से पहुंच सकता है और वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाता है. कई कॉलोनियों में व्यवस्था काफी अच्छी है, लेकिन वहां पर भी आए दिन इस तरह की वारदात होती रहती है.
शहर में लॉकडाउन के बाद से विभिन्न थाना क्षेत्रों में लगातार चोरी की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. बढ़ती चोरी की वारदातों को रोकने के लिए पुलिस कई तरह के जतन भी कर रही है, लेकिन उसके बाद भी किसी तरह की कोई सफलता पुलिस के हाथ नहीं लगी है. अब देखना होगा कि पुलिस इन बढ़ती चोरी की वारदातों को रोकने के लिए किस तरह के प्रयास करती है.