इंदौर। गौतमपुरा में दीपावली के बाद गोवर्धन पूजा पर आयोजित होने वाले परंपरागत हिंगोट युद्ध में बुधवार को जमकर आग्नेय अस्त्रों का प्रयोग हुआ. यह अग्नियास्त्र हिंगोट नामक एक फल से तैयार होते हैं. जिसमें 2 गांव की टीमें हिंगोट जलाकर एक दूसरी टीम के सदस्यों पर हमला करते हैं. करीब डेढ़ घंटे चले हिंगोट युद्ध में 7 लोग घायल हो गए, जबकि अन्य 25 से 30 लोगों को मामूली चोट आई है. हालांकि शांतिपूर्ण तरीके से हिंगोट युद्ध संपन्न हो गया है. (hingot yudh 2022) (600 jawans deployed in hingot war)
दर्शकों की सुरक्षा के लिए लगाई ऊंची जाली: दरअसल परंपरागत तरीके से इंदौर के गौतमपुरा में कलंगी और तुर्रा दलों के बीच हर साल हिंगोट युद्ध होता है. कलंगी और तुर्रा नामक यह दो दल क्षेत्र में पैदा होने वाले एक विशेष प्रकार के फल में बारूद भरकर हिंगोट नामक अग्नि अस्त्र तैयार करते हैं. जो रॉकेट की तरह जलते हुए छोड़ा जाता है. इस दौरान हर साल बड़ी संख्या में लोग घायल भी हो जाते हैं, हालांकि इस बार स्थानीय प्रशासन ने दोनों टीमों के जरिए छोड़े जाने वाले हिंगोट से दर्शक घायल ना हो इसके लिए मैदान के चारों तरफ 12 फीट ऊंची जाली लगाई थी. इसके अलावा सुरक्षा के लिहाज से आधा दर्जन एंबुलेंस मौके पर तैनात की थी. इतना ही नहीं दोनों टीमों के हमले से अप्रिय स्थिति ना बने इसलिए यहां पर 8 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए थे.