इंदौर। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने इंदौर दौरे के दौरान प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर जमकर निशाना साधा. गोपाल भार्गव ने कहा कि कमलनाथ सरकार, मोदी सरकार के कामकाज से भयभीत है, यदि समय पर निकाय और पंचायत चुनाव होते हैं तो परिणाम बीजेपी के पक्ष में ही आएगा. यही वजह है कि प्रदेश सरकार अनिश्चितकाल के लिए नगरीय निकाय चुनाव टालना चाहती है.
'नौ माह में नौ युवाओं को रोजगार नहीं दे पाई कमलनाथ सरकार, डर गई है इसलिए टाल रही चुनाव'
इंदौर पहुंचे नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने प्रदेश की कमलनाथ सरकार को लेकर कहा कि प्रदेश की सरकार केंद्र सरकार और उसके प्रभाव से डर गई है, इसिलए निकाय चुनाव टाल रही है. नौ माह में एक भी वचन पूरा करने में सरकार नाकाम रही है.
इंदौर में मीडिया से रूबरू होते हुए भार्गव ने कहा कि कांग्रेस सरकार को डर है कि बीते 9 माह के कार्यकाल में सरकार ने जनता से किया कोई भी वचन पूरा नहीं किया, जबकि आर्टिकल 370 बदलने, तीन तलाक बिल जैसे कई राष्ट्रीय मुद्दों को बीजेपी ने सुलझा दिया है, इस वजह से बीजेपी की लोकप्रियता बढ़ गई है. अब यदि समय पर निकाय और पंचायत चुनाव होते हैं तो बीजेपी की जीत निश्चित है, यही वजह है कि प्रदेश सरकार चुनाव टालना चाहती है.
नेता प्रतिपक्ष ने गोपाल भार्गव ने तो यहां तक कह दिया कि प्रदेश सरकार चाहती है कि चुनाव आगे बढ़ने के बजाय अनिश्चितकाल के लिए टल जाएं. गौरतलब है कि प्रदेश के 16 नगर निगम, 98 नगर पालिका और 272 नगर परिषद के चुनाव टलना तय हो गया है. नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने निकायों की सीमा बढ़ाने-घटाने से लेकर महापौर व अध्यक्ष पद के आरक्षण के लिए समयसीमा घोषित कर दी है.15 अगस्त 2019 तक निकायों की सीमा बढ़ाने या घटाने के लिए कलेक्टरों ने जो प्रारंभिक प्रकाशन कर दिया है, वे ही मान्य किए जाएंगे.