इंदौर। लोकायुक्त ने एक भ्रष्ट इंजीनियर को 3 लाख रुपए रिश्वत की लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया है. इंदौर वृत्त क्रमांक एक के पीडब्ल्यूडी इंजीनियर धर्मेंद्र जायसवाल ने रोड कॉन्ट्रेक्टर के 50 लाख रुपए बकाया पेमेंट करने के एवज में रिश्वत मांगी थी. ठेकेदार ने लोकायुक्त में शिकायत की थी, जिसके बाद इंजीनियर को उसी के घर से रंगे हाथ गिरफ्तार किया है.
तीन लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ धराया भ्रष्ट इंजीनियर, दरअसल, खरगोन के रहने वाले रोड कॉन्ट्रेक्टर मेहरुद्दीन ने 4 डिवीजन खरगोन, बड़वानी, धार, के अलावा इंदौर के मउ-जुलवानिया रोड मार्ग के निर्माण का ठेका लिया था. पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री धर्मेंद्र जायसवाल इस कॉन्ट्रेक्ट के जिम्मेदार अधिकारी हैं. सड़क निर्माण की लागत 32 करोड़ थी और 29 किमी का निर्माण करना था. कॉन्ट्रेक्टर द्वारा 6 महीने पहले ही रोड़ का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है.
पिछले 3 महीने से बकाया 60 लाख रुपए के लिए कॉन्ट्रेक्टर परेशान हो रहा था, जबकि उसने निर्माण कार्य के पूरे बिल लगा दिए हैं. अधिकारी धर्मेंद्र जायसवाल पिछले कई दिनों से बकाया रुपया पास करने के लिए कॉन्ट्रेक्टर के लिए परेशान कर रहा था, जिसके बाद धर्मेंद्र ने अपनी मंशा बताई और साढ़े 3 लाख रुपए कि मांग की जिस पर कॉन्ट्रेक्टर 3 लाख रुपए देने के लिए भी तैयार हो गया था.
इसके बाद भी भ्रष्ट अधिकारी की साढ़े तीन लाख रुपयों की डिमांड थी, जिसके बाद पीड़ित ने लोकायुक्त में शिकायत की, जिसके बाद लोकायुक्त ने इंजीनियर धर्मेंद्र जायसवाल को रंगे हाथ पीडब्ल्यूडी ऑफिस के पीछे शासकीय निवास पर रिश्वत लेते पकड़ा और भ्रस्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की है. लोकायुक्त की कार्रवाई के दौरान मीडिया के कैमरे देखकर भ्रष्ट इंजीनियर मुह छुपाने लगा, इस दौरान भ्रष्ट इंजीनियर का यही कहना था कि उसे फंसाया गया है.