इंदौर।व्यापारियों को उम्मीद थी कि कोरोना के बाद दिवाली के त्योहार पर उनका कारोबार रफ्तार पकड़ेगा, लेकिन दिवाली के कुछ दिनों पहले तक भी उनके व्यापार में तेजी नहीं आई है. वहीं प्रशासन के द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के कारण भी पटाखों के व्यापार पर असर पड़ रहा है. इस साल त्योहारों को मनाने में भी शासन की गाइडलाइन का पालन करना पड़ रहा है. दशहरा और दिवाली के पर्व की अब उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. ऐसे में सबसे ज्यादा अब पटाखा व्यापारियों ने दिवाली पर्व में नुकसान की भरपाई करने का कयास लगाए हुए हैं.
दिवाली के ठीक पहले शहर के कई इलाकों में पटाखों की दुकानें सज कर तैयार हैं. लेकिन इन दुकानों पर व्यापारी अभी भी ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं. कोरोना संक्रमण के चलते सरकार ने कई प्रकार की गाइडलाइन जारी की है. जिसमें दिवाली पर पटाखों को लेकर स्थानीय प्रशासन के द्वारा अलग से गाइडलाइन जारी की जा रही है. व्यापारियों को उम्मीद थी कि कोरोना काल के बाद लोग जब घरों से निकलेंगे तो उनके व्यापार में तेजी आएगी. लेकिन दिवाली पर भी पटाखों का व्यापार पूरी तरह से ठप दिखाई पड़ रहा है. आसपास के राज्यों में लगे प्रतिबंध के बाद इंदौर शहर के ग्रामीण इलाकों में भी बड़ी मात्रा में छोटे व्यापारी पटाखे नहीं खरीद रहे है.
आसपास के राज्यों में लगा पटाखों पर प्रतिबंध
मध्य प्रदेश के आसपास के राज्यों पर आतिशबाजी पर लगे प्रतिबंध का असर शहर के व्यापारी वर्ग पर भी पड़ रहा है. पिछले वर्ष दिवाली पर आसपास के ग्रामीण इलाकों के कई छोटे व्यापारियों ने शहर से बड़ी मात्रा में पटाखों की खरीदी की थी. लेकिन प्रतिबंध के डर के चलते इस बार शहर के आसपास के यहां व्यापारी भी खरीदारी करने के लिए सीमित संख्या में ही पहुंच रहे हैं. थोक व्यापारियों के सामने तो हालत यह है कि उन्होंने दिवाली को देखते हुए पटाखों का स्टॉक तो कर लिया लेकिन उनके पास खरीदार ही नहीं पहुंच रहे हैं.