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आर्थिक संकट में पटाखा व्यापारी, नहीं मिल रहे खरीददार - इंदौर

लॉकडाउन की वजह से पटाखों का व्यापार करने वाले व्यापारियों के सामने आर्थिक संटक की स्थिति बनी हुई है. अब उन्हें दिवाली से उम्मीद है. दिवाली के करीब आने के बावजूद इंदौर में पटाखों को लेकर व्यापारियों का लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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आर्थिक संकट में पटाखा व्यापारी

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Published : Nov 9, 2020, 5:11 PM IST

Updated : Nov 9, 2020, 7:18 PM IST

इंदौर।व्यापारियों को उम्मीद थी कि कोरोना के बाद दिवाली के त्योहार पर उनका कारोबार रफ्तार पकड़ेगा, लेकिन दिवाली के कुछ दिनों पहले तक भी उनके व्यापार में तेजी नहीं आई है. वहीं प्रशासन के द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के कारण भी पटाखों के व्यापार पर असर पड़ रहा है. इस साल त्योहारों को मनाने में भी शासन की गाइडलाइन का पालन करना पड़ रहा है. दशहरा और दिवाली के पर्व की अब उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. ऐसे में सबसे ज्यादा अब पटाखा व्यापारियों ने दिवाली पर्व में नुकसान की भरपाई करने का कयास लगाए हुए हैं.

आर्थिक संकट में पटाखा व्यापारी

दिवाली के ठीक पहले शहर के कई इलाकों में पटाखों की दुकानें सज कर तैयार हैं. लेकिन इन दुकानों पर व्यापारी अभी भी ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं. कोरोना संक्रमण के चलते सरकार ने कई प्रकार की गाइडलाइन जारी की है. जिसमें दिवाली पर पटाखों को लेकर स्थानीय प्रशासन के द्वारा अलग से गाइडलाइन जारी की जा रही है. व्यापारियों को उम्मीद थी कि कोरोना काल के बाद लोग जब घरों से निकलेंगे तो उनके व्यापार में तेजी आएगी. लेकिन दिवाली पर भी पटाखों का व्यापार पूरी तरह से ठप दिखाई पड़ रहा है. आसपास के राज्यों में लगे प्रतिबंध के बाद इंदौर शहर के ग्रामीण इलाकों में भी बड़ी मात्रा में छोटे व्यापारी पटाखे नहीं खरीद रहे है.

आसपास के राज्यों में लगा पटाखों पर प्रतिबंध

मध्य प्रदेश के आसपास के राज्यों पर आतिशबाजी पर लगे प्रतिबंध का असर शहर के व्यापारी वर्ग पर भी पड़ रहा है. पिछले वर्ष दिवाली पर आसपास के ग्रामीण इलाकों के कई छोटे व्यापारियों ने शहर से बड़ी मात्रा में पटाखों की खरीदी की थी. लेकिन प्रतिबंध के डर के चलते इस बार शहर के आसपास के यहां व्यापारी भी खरीदारी करने के लिए सीमित संख्या में ही पहुंच रहे हैं. थोक व्यापारियों के सामने तो हालत यह है कि उन्होंने दिवाली को देखते हुए पटाखों का स्टॉक तो कर लिया लेकिन उनके पास खरीदार ही नहीं पहुंच रहे हैं.

चाइनीस और भगवान की फोटो लगे पटाखों पर प्रतिबंध से बड़ा असमंजस

शहर में प्रशासन के द्वारा चाइनीस पटाखों पर लगाए गए प्रतिबंध और प्रदेश सरकार के द्वारा भगवान के फोटो लगे पटाखों के प्रतिबंध से व्यापारियों में असमंजस की स्थिति है. व्यापारियों का मानना है कि अब देश में ही कई प्रकार के ऐसे पटाखे बनने लगे हैं जो कि हूबहू चाइनीस की तरह लगते हैं. लेकिन वे रहते मेड इन इंडिया है. इस असमंजस की स्थिति में व्यापारी फैंसी पैकिंग और चायनीस उत्पादों जैसे दिखने वाले पटाखों को बड़ी मात्रा में बेच भी नहीं पा रहे हैं. इंदौर शहर में हर दिवाली 40 करोड़ से अधिक का व्यापार हर साल होता है और इसमें भी 95 फीसदी फटाके शिवाकाशी से बुलवाए जाते हैं.

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धारा 188 के तहत कार्रवाई

राजेन्द्र नगर थाना क्षेत्र में रीजनल पार्क के पास पटाखा बाजार लगा हुआ था. जहां चाइनीज पटाखों के साथ ही अन्य प्रतिबंधित पटाखों को व्यापारियों के द्वारा बेचा जा रहा है. पुलिस ने इस पूरे मामले में व्यापारियों पर शिकंजा कसने से पहले एक योजना बनाई और योजना के तहत खुद थाना प्रभारी और पुलिसकर्मी ग्राहक बनकर पटाका मार्केट में पहुंचे और वहां पर मौजूद व्यापारियों से चाइनीज पटाखे और अन्य प्रतिबंधित पटाखों की डिमांड करने लगे. इस दौरान व्यापारियों ने ग्राहक बनकर आए पुलिसकर्मियों को चाइनीज पटाखों के साथ ही प्रतिबंधित पटाखे, जिनपर भगवान की फोटो लगी हुई थी, वो थमा दिए, जैसे ही व्यापारियों के द्वारा प्रतिबंधित पटाखे, पुलिसकर्मियों को दिए गए, तभी पुलिस ने दुकानदार को गिरफ्तार कर लिया. व्यापारी के खिलाफ धारा- 188 के तहत कार्रवाई की जा रही है.

Last Updated : Nov 9, 2020, 7:18 PM IST

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