इंदौर। आंखफोड़वा कांड में आंखों की रोशनी गंवाने वाले 4 मरीज चेन्नई के शंकर नेत्रालय से इलाज करवाकर वापस लौट आए हैं. बता दें कि इंदौर के निजी आई हॉस्पिटल में आंखों का ऑपरेशन करवाने वाले 11 मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई थी, जिनमें से 4 मरीजों का इलाज चेन्नई में हो रहा था. फिलहाल ये चारों मरीज इलाज कराकर लौट आए हैं.
चेन्नई से इलाज कराकर लौटे मरीजों का तुलसी सिलावट ने जाना हाल मंत्री तुलसी सिलावट ने जाना हालचाल
चारों मरीजों को एक दिन चोइथराम नेत्रालय में ऑब्जरवेशन में रखने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया. जिसके बाद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट चोइथराम नेत्रालय पहुंचे और मरीजों का हाल जाना. उन्होंने मरीजों को हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया. स्वास्थ्य मंत्री ने धार कलेक्टर को सभी मरीजों को आवासीय पट्टे, गरीबी रेखा कार्ड और पेंशन देने के निर्देश भी दिए हैं.
चेन्नई से लौटे मरीजों में से किसी की भी आखों की रोशनी नहीं लौटी, लेकिन संक्रमण के कारण खराब हुई उनकी आंखें बचा ली गई हैं. डिस्चार्ज हो रहे मरीज और फॉलोअप चेकअप के लिए आए 8 मरीजों से स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने मुलाकात की. गौरतलब है कि 8 अगस्त को इंदौर नेत्र चिकित्सालय में अंधत्व निवारण कार्यक्रम के तहत हुए ऑपरेशन में 11 मरीजों की आंखों में संक्रमण की बात सामने आई थी.
मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि प्रभावित मरीजों को मुआवजा देना हमारी प्राथमिकता नहीं है, बल्कि उनका उचित इलाज कराना हमारी प्राथमिकता है. भविष्य में इन मरीजों को किसी भी मदद की आवश्यकता पड़ती है, तो सरकार इनकी पूरी तरह मदद करेगी.