इंदौर। स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर लगातार चार बार नंबर रह चुका है. पूरे देश में स्वच्छता के लिए चर्चित इंदौर का स्वच्छता मॉडल अब आंध्र प्रदेश में भी लागू किया जाएगा. हालही में इंदौर के स्वच्छता मॉडल की स्टडी करने के लिए आए आंध्र प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी समेत 25 आईएएस अधिकारियों के दल ने यह जानकारी दी है.
आंध्र प्रदेश के 25 IAS अधिकारियों का दल पहुंचा इंदौर
इससे पहले भी आंध्र प्रदेश के नगर निगम और अधिकारियों के दल ने स्वच्छता अभियान चलाने को लेकर इंदौर के स्वच्छता मॉडल की जानकारी ली थी. अब फिर आंध्र प्रदेश के 25 आईएएस अधिकारियों के दल ने अपने यहां स्वच्छता कार्यक्रम लागू करने के लिए इंदौर में स्वच्छता के लिए चलने वाले तमाम कार्यों को बारीकी से समझा है. आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव वाई. श्री लक्ष्मी और स्वच्छता अभियान के प्रमुख पी संपत कुमार ने बताया कि नगर निगम की अगुवाई में इंदौर में होने वाला डोर टू डोर कचरा कलेक्शन, बायो सीएनजी प्लांट, ट्रेंचिंग ग्राउंड कचरा, ट्रांसफर स्टेशन कचरा, प्रबंधन सैनिटाइजेशन का काम बारीकी से देखा और समझा.
आंध्र प्रदेश की टीम ने इंदौर के अधिकारियों से की मुलाकात टीम ने सफाई की प्रक्रिया को बारीकी से जाना
स्वच्छता अभियान के प्रमुख पी संपत कुमार ने बताया कि स्वच्छता से एग्रीगेशन तो अपशिष्ट प्रबंधन सीवरेज सिस्टम और नदी नालों की सफाई के संबंध में भी प्रजेंटेशन के माध्यम से जानकारी प्राप्त की है. इसके अलावा कचरा कलेक्शन गाड़ियों के समय पर आने और लोगों का घर से अनुशासन के साथ निकलने को लेकर भी अधिकारियों का दल खासा प्रभावित हुआ. इस दौरान आंध्र प्रदेश के दल ने घरों में हो रही होम कंपोस्टिंग और रूफटॉप गार्डन भी देखा. बुधवार को यह टीम पालिका प्लाजा स्थित जीपीएस कंट्रोल रूम भी पहुंची. इसके अलावा अधिकारियों के दल ने स्टार चौराहे पर स्थित सीएनजी प्लांट में मंडी से निकलने वाली अनुपयोगी सब्जी और फल से सीएनजी गैस बनाने की प्रक्रिया को भी जाना.
अधिकारियों ने की इंदौर के स्वच्छता मॉडल की तारीफ
सभी अधिकारियों ने इंदौर के स्वच्छता मॉडल की खासी तारीफ की. इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि इंदौर का स्वच्छता मॉडल अब आंध्र प्रदेश में भी लागू किया जाएगा. जिससे कि इंदौर के साथ आंध्र प्रदेश के प्रमुख शहर भी स्वच्छता के लिहाज से आत्मनिर्भर और समृद्ध हो सके.