होशंगाबाद। पंडित रामलाल शर्मा स्मृति समारोह के दूसरे दिन भागलपुर बिहार से आई वक्ता कृष्णा देवी मिश्र ने प्रवचन की शुरुआत मानस की चौपाइयों के साथ की. उन्होंने कहा कि "निज अनुभव अब कहउँ खगेसा बिनु हरि भजन न जाहिं कलेसा". इसका मतलब है कि भक्ति और धर्म के आने से घर, दफ्तर, पूजन और जीवन में आप अनुशासित हो जाएंगे.
भक्ति धर्म से जीवन में आता है अनुशासन - Pandit Ramlal Sharma Memorial Ceremony
पंडित रामलाल शर्मा स्मृति समारोह का आयोजन मां नर्मदा के प्रसिद्ध सेठानी घाट पर आयोजित किया जा रहा है. जहां वक्ता कृष्णा देवी मिश्र ने प्रवचन की शुरुआत मानस की चौपाइयों के साथ की.
कृष्णा देवी मिश्र
साथ ही उन्होंने कहा कि जीवन में पांच क्लेश अविद्या, अस्मिता, राग, द्वेष और अभीनिवेश आपको दुख नहीं दे पाएंगे. भगवान से बार-बार मांगने लायक एक ही वस्तु है सत्संग. भागवत में कहा गया है भगवान की भक्ति ना हो तो यह धरती विधवा हो जाएगी. मां जैसे बच्चे को उंगली पकड़कर चलना सिखाती है, वैसे ही रामायण मैया हमें जीवन पथ पर चलना सिखाती है.