ग्वालियर। चुनावी राजनीति से संन्यास लेकर भाजपा को चौंका चुकीं मध्य प्रदेश की खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने राजमाता की जयंती पर एक ऐसा बयान दे दिया है जो शायद भाजपा के माथे पर शिकन ला दे. यशोधरा राजे ने कहा कि "कुर्सी किसी की नहीं होती, कुर्सी बदल जाती है."
कांग्रेस ने यशोधरा राजे के बयान को एक्स पर लगाया:यशोधरा राजे सिंधिया के इस बयान को कांग्रेस शायद भाजपा को आइना दिखाने के लिए इस्तेमाल करना चाहती है. राजे के बयान-"कुर्सी किसी की नहीं होती, कुर्सी बदल जाती है" के कई मायने निकाले जा रहे हैं. कांग्रेस इस बयान को उस इशारे के रूप में देख रही है जो उसके लिए मध्य प्रदेश में सत्ता तक पहुंचने का संकेत है.
एक के बाद एक चौंकाने वाले फैसले :वहीं, दूसरी ओर यशोधरा राजे सिंधिया का ये बयान भाजपा में भूचाल ला सकता है. पिछले कुछ दिनों से राजे एक के बाद एक चौंकाने वाले फैसले ले रही हैं. शिवपुरी में 5 अक्टूबर को यशोधरा राजे सिंधिया ने समर्थकों से बातचीत में कह दिया कि "मैं अबकी बार चुनाव नहीं लड़ रही हूं" और इसका कारण उन्होंने स्वास्थ्य खराब होना बताया. राजे की चुनाव न लड़ने की बात पूरे प्रदेश में आगे की तरह फैल गई.
यशोधरा राजे सिंधिया ने चुनाव प्रचार न करने के दिए संकेत :बुधवार यानी आज जनसंघ की संस्थापक राजमाता विजयाराजे सिंधिया का जयंती है. इस मौके उनकी बेटी मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने छतरी पहुंच कर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की. यहां पर पत्रकारों से चर्चा के दौरान मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने चुनाव प्रचार न करने के संकेत दे दिए हैं. उन्होंने कहा कि "अगर प्रचार और दौरे करने थे तो मैं खुद ही खड़ी होती. मेरा बदन साथ नहीं देता है. मैंने अगस्त में ही बता दिया था कि कोरोना के बाद से मैं काम नहीं कर पा रही. जो काम पेंडिंग थे उन्हीं को खत्म करना था."