ग्वालियर। जिले में कोरोना टीकाकरण का अभियान रफ्तार नहीं पकड़ रहा है. इसका सबसे बड़ा कारण यह देखने को मिल रहा है जिन हेल्थ वर्करों को टीका लगवाने का मैसेज पहुंच रहा है, वे बहाने बनाकर कोरोना सेंटर तक नहीं पहुंच रहे हैं. वहीं कुछ हेल्थ वर्करों को कोरोना का टीका लगवाने के लिए मैसेज 24 घंटे बाद पहुंच रहा है. इस वजह से जिले में कोरोना टीका लगने की रफ्तार काफी धीमी हो गई है.
जिले में टीकाकरण के पहले दिन 6 सेंटरों पर हेल्थ वर्कर मैसेज 57 फ़ीसदी टीके लगवाए. पहले दिन 600 लोगों को टीका लगना था, लेकिन 343 लोगों को ही टीका लगा. अब हालात यह है कि धीरे-धीरे टीका लगवाने वाले हेल्थ वर्करों का आंकड़ा कम होता जा रहा है.
टीका के दूसरे दिन यानी सोमवार को संख्या बढ़ने की बजाय कम हो गई. जिले के कुल 4 केंद्रों पर 400 हेल्थ वर्करों का टीका लगाने के लिए बुलाया गया था, लेकिन महज 175 ही पहुंचे. इसका करण टीकाकरण 56% से गिरकर 43% तक आ गया. टीका लगाने वालों की संख्या कम रहने का सबसे बड़ा कारण यह है कि सूची में शामिल हेल्थ वर्करों के मोबाइल नंबर गलत पाए जा रहे हैं. जिन 400 हेल्थ वर्करों को बीते रोज मैसेज दिए गए थे. उनमें से 40 के मोबाइल नंबर गलत थे. कुछ हेल्थ वर्करों के ऐसे नाम थे जो सूची में दो बार लिखे गए थे.
साथ ही कई हेल्थ वर्कर ने डर की वजह से शहर के बाहर होने की बात कही. कुछ हेल्थ वर्करों ने तबीयत खराब होना बताकर टीका लगवाने नहीं पहुंचे, लेकिन इसके बावजूद भी जिला प्रशासन ने हेल्थ वर्करों को प्रेरित करने के लिए कोई पहल नहीं की है.