ग्वालियर।चुनावी शंखनाद होते ही ग्वालियर सीट सूबे की सबसे हाई प्रोफाइल सीट बनकर उभरी है क्योंकि यहां 1984 का इतिहास दोहराये जाने की संभावना दिख रही है. जब तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने आखिरी घंटे में अटल बिहारी के सामने माधवराव सिंधिया को खड़ा कर दिया था, कांग्रेस की इस चाल से बीजेपी को मात खानी पड़ी और अटलजी चुनाव हार गये.
ग्वालियर की सियासी फिजा में असमंजस बरकरार है क्योंकि कांग्रेस-बीजेपी में से कोई भी अब तक अपने पत्ते नहीं खोला है. गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी सिंधिया के ग्वालियर से चुनाव लड़ने की चर्चा है, जबकि ग्वालियर सांसद व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के भोपाल से चुनाव लड़ने की भी अफवाहें उड़ रही हैं. पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में ग्वालियर-चंबल अंचल में कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया, अब कांग्रेस की नजर ग्वालियर लोकसभा सीट पर है, जहां बीते 12 बरस से बीजेपी काबिज है. इस बार चर्चा है कि आखिरी वक्त में कांग्रेस प्रियदर्शनी राजे को मैदान में उतार सकती है.