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वीरांगना बलिदान मेला: झांसी दुर्ग से समाधि स्थल पहुंची शहीद ज्योति यात्रा, दीपदान भी हुआ - shaheed jyoti yatra

झांसी के किले से शहीद ज्योति यात्रा बुधवार शाम को ग्वालियर पहुंची. ग्वालियर के पड़ाव चौराहे पर बलिदान मेला के अध्यक्ष जयभान सिंह पवैया और सांसद विवेक नारायण शेजवलकर शहीद ज्योति यात्रा की अगवानी की. बाद में ज्योति को फूलबाग स्थित लक्ष्मीबाई के समाधि स्थल पर स्थापित किया गया. पढ़िए पूरी खबर....

Tomb of Rani Lakshmibai
रानी लक्ष्मीबाई का समाधि स्थल

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Published : Jun 18, 2020, 3:00 AM IST

ग्वालियर।बदले हालातों में पिछले 20 सालों से ग्वालियर में आयोजित किया जा रहा वीरांगना लक्ष्मीबाई बलिदान मेला इस बार सीमित रूप में किया जा रहा है. झांसी के किले से शहीद ज्योति यात्रा बुधवार शाम को ग्वालियर पहुंची. जहां ग्वालियर के पड़ाव चौराहे पर मेला अध्यक्ष जयभान सिंह पवैया और सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने शहीद ज्योति यात्रा की अगवानी की. बाद में ज्योति को लक्ष्मीबाई के समाधि स्थल पर स्थापित किया गया.

ग्वालियर में वीरांगना शहीद ज्योति यात्रा

भाजपा नेता और पूर्व मंत्री जयसिंह पवैया ने कहा कि शहीद ज्योति का सभी ग्वालियर वासी स्वागत करते हैं. इस मौके पर शहीदों के नाम पर दीप दान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि दो दिन पहले भारत-चीन सीमा पर देश के 20 वीरों ने देश के जान कुर्बान कर दी, यह दीप ज्योति उनको भी समर्पित है.

ज्योति मशाल ले जाते पूर्व मंत्री

कोरोना काल में सिमट मेला

भाजपा नेता और पूर्व मंत्री जयभान सिहं पवैया वीरांगना लक्ष्मीबाई मेला का आयोजन लंबे अरसे से कर रहे हैं, लेकिन इस बार यह मेला औपचारिकता में सिमट गया है, क्योंकि कोरोना संक्रमण के चलते किसी भी समारोह के आयोजन पर सीमित लोगों की मौजूदगी ही अनुमति का आधार है. इसलिए 20 लोगों की मौजूदगी में शहीद ज्योति यात्रा पड़ाव से समाधि स्थल पहुंची, वहां 1857 के शहीदों को याद किया गया. देश के पहले स्वतंत्रता संग्राम में लक्ष्मीबाई ने ग्वालियर में शहादत दी खी. उन्हें बचाने की कोशिश में बड़ी गंगा दास की शाला के कई साधु संत भी शहीद हुए थे.

भारत का रंगोली का नक्शा

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