ग्वालियर। इस समय पिछले एक महीने से ग्वालियर चंबल अंचल में कड़ाके की सर्दी ने 30 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. आम तौर पर सर्दियों को हेल्थी सीजन माना जाता है. लेकिन हालात यह हो चुके है कि अंचल में गर्मी से ज्यादा सर्दियों में लोगों की मौत के आंकड़ों में रिकॉर्ड तोड़ इजाफा हुआ है. सर्दियों के सीजन में पोस्टमार्टम का आंकड़ा दिसंबर के महीने में 221 तक पहुंचा है. जिसमें अधिकतर मौतें सर्दी की वजह से हुई हैं. साथ ही शहर के प्राइवेट हॉस्पिटल में सबसे ज्यादा मौतें हार्टअटैक और ब्रेन स्ट्रोक से हो रही हैं.
दिसंबर के महीने में ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक से हो रही मौत, ठंड बनी वजह
ग्वालियर में दिसंबर के महीने में पोस्टमार्टम का आंकड़ा 221 तक पहुंच गया है. जिसमें प्राइवेट हॉस्पिटल में सबसे ज्यादा मौतें कड़ाके की ठंड के चलते हार्टअटैक और ब्रेन स्ट्रोक से हो रही है.
शहर के जीआर मेडिकल कॉलेज में फॉरेंसिक साइंस के एचओडी एस जुगरान का मानना है कि मेडिकल कॉलेज की स्थापना के बाद दिसंबर के महीने में पहली बार इतनी संख्या में पीएम हुए हैं और सर्दियों में मौत का आंकड़ा भी पहली बार इतना बड़ा है. हालांकि इस मौसम में वृद्धजनों की मौत का आंकड़ा अधिक रहता है. जिसमें सबसे ज्यादा मौतें हार्ट अटैक और सर्दी की वजह से होती है.
जिले के स्वास्थ्य अधिकारी मृदुल सक्सेना का कहना है कि ठंड के मौसम में लोगों की सबसे ज्यादा मौतें होती हैं. इसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने एक एडवाइजरी जारी कर दी है कि लोग सुबह जल्दी घूमने ना जाएं. साथ ही इस भीषण ठंड के मौसम में जल्दी घर से ना निकले. वहीं वृद्ध लोग और हार्ट अटैक के मरीज सर्दी वाले स्थानों पर जाने से बचें, क्योंकि सर्दी के मौसम में रक्त वाहिनी रूक जाने के कारण बच्चे बुजुर्ग और हृदय रोगियों में ठंड के मौसम में हाइपोथर्मिया का खतरा भी सबसे ज्यादा रहता है. साथ ही सर्दियों में शरीर के तापमान में कमी आने के चलते मौतों की संख्या भी ज्यादा बढ़ जाती है