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गरीबों के काम नहीं आ रहे लाखों की लागत से बने रैन बसेरे, खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर लोग

ग्वालियर जिले में ज्यादातर रैन बसेरे खाली होने के बाद भी सैकड़ों लोग इस कड़कड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर हैं. वहीं लाखों खर्च कर तैयार किए गए रैन बसेरों के गेट इन गरीबों के लिए नहीं खुल पा रहे हैं.

Ranks built at the cost of lakhs of poor people are not working
गरीबों के काम नहीं आ रहे लाखों की लागत से बने रैन बसेरे

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Published : Dec 30, 2019, 7:26 PM IST

ग्वालियर। जिले में जोरदार ठंड पड़ रही है, लेकिन शहर में बनाए गए रैन बसेरे आम लोगों को राहत नहीं दे पा रहे हैं. हालत ये है कि रैन बसेरे खाली होने के बाद भी सैकड़ों लोग इस कड़कड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर हैं. वहीं लाखों खर्च कर तैयार किए गए रैन बसेरों के गेट इन गरीबों के लिए नहीं खुल पा रहे हैं.

शहर में बने ज्यादातर रैन बसेरों में ताला लगा रहता है, वहीं जो खुले भी हैं उनमें रात के बाद प्रवेश नहीं दिया जाता है, जिससे लोगों को सड़कों पर रात बिताने के लिए मजबूर होना पड़ता है और सर्दी से बचने के लिए लोग फटे-पुराने बोरे, प्लास्टिक की तिरपाल आदि का इस्तेमाल कर रहे हैं. जबकि ज्यादातर रैने बसेरे लगभग खाली ही रहते हैं.

बता दें कि नगर निगम के अधिकारियों ने रैन बसेरों में व्यवस्था सुधारने के लिए एक प्रोजेक्ट तैयार किया था, जिससे यहां रहने वाले लोगों को भी होटल जैसी सुविधाएं हासिल हो सकें. जिसके लिए 8 केंद्रों पर सर्दियों से बचाव के लिए हीट कन्वेटर और 16 टीवी सेट भी लगाए गए थे. इन रैन बसेरों में टीवी सेट लगाए तो गए लेकिन आज वहां बंद पड़े हुए हैं और उनकी हालत खराब है.

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