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Published : Aug 28, 2020, 10:18 PM IST

Updated : Aug 28, 2020, 10:57 PM IST

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नेशनल हॉकी प्लेयर करिश्मा यादव ने ईटीवी से की खास बातचीत, कई किस्से सुनाए

नेशनल प्लेयर करिश्मा यादव 2015 में एकलव्य अवार्ड हासिल कर चुकी हैं. विक्रम अवॉर्ड की घोषणा होने के बाद करिश्मा का पूरा परिवार बेहद खुश है. उनके माता पिता और परिजनों ने करिश्मा यादव को मिठाई खिलाकर उन्हें शुभकामनाएं दी है.

National Hockey Player Karishma Yadav
नेशनल हॉकी प्लेयर करिश्मा यादव

ग्वालियर।एक बार फिर ग्वालियर की बेटी ने देश और प्रदेश को गौरवान्वित किया है. मध्य प्रदेश सरकार ने 2019 खेल अवार्ड की घोषणा कर दी है. जिसमें ग्वालियर की नेशनल हॉकी प्लेयर करिश्मा यादव को विक्रम अवार्ड से नवाजा जाएगा. नेशनल प्लेयर करिश्मा यादव 2015 में एकलव्य अवार्ड हासिल कर चुकी है. विक्रम अवॉर्ड की घोषणा होने के बाद करिश्मा का पूरा परिवार बेहद खुश है. उनके माता पिता और परिजनों ने करिश्मा यादव को मिठाई खिलाकर उन्हें शुभकामनाएं दी है.

हॉकी प्लेयर करिश्मा यादव ने ईटीवी से की खास बातचीत

हॉकी नेशनल प्लेयर करिश्मा यादव ने विक्रम अवॉर्ड मिलने के बारे में बताया कि उन्हें बहुत ज्यादा खुशी हो रही है क्योंकि मध्यप्रदेश में यह बड़ा अवॉर्ड है. इसलिए उन्हें बहुत ही अच्छा महसूस हो रहा है. जब उनसे पूछा गया कि उन्हें कैसे पता चला कि उन्हें विक्रम अवॉर्ड मिलने वाला है तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी उनकी मैम से मिली कि उन्हें एक लव्य अवॉर्ड के बाद विक्रम अवॉर्ड दिया जाएगा.

हॉकी खेलने को लेकर करिश्मा ने बताया कि उन्हें इस खेल को खेलना 2009 में शुरू किया था. सिलेक्शन को लेकर करिश्मा ने बताया कि 2013 में उनका नेशनल जूनियर में सिलेक्शन हुआ था. करिश्मा ने कहा कि हॉकी को लेकर परिजनों को भरपूर सहयोग मिला और उन्हें इस खेल में आगे बढ़ने के लिए किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा. करिश्मा के आसपास के लोग उनकी प्रतिभा को लेकर गर्व महसूस करते हैं. उन्होंने आगे की योजना को लेकर कहा कि उन्हें हॉकी टीम के कैंप में वापस आना है और ऑलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करना है.

लड़कियों के लिए मिशाल करिश्मा यादव

नेशनल हॉकी प्लेयर करिश्मा यादव बचपन से ही हॉकी खेल रही हैं. ग्रामीण परिवेश में पली-बड़ी करिश्मा यादव लड़कियों के लिए मिसाल है. जिनके माता-पिता लड़कियों को घर की चारदीवारी से बाहर नहीं जाने देते हैं. इसको लेकर करिश्मा का कहना है कि बेहद खुशी है कि और तो ग्वालियर और चंबल अंचल में माता पिता अपनी बेटियों को बाहर नहीं निकलने देते हैं लेकिन उन्हें उनके माता पिता ने भरपूर सहयोग दिया है और इसका पूरा श्रेय वह अपने माता-पिता को देती है.

Last Updated : Aug 28, 2020, 10:57 PM IST

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