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MP में 3 मई से 10 हजार डाक्टर्स की हड़ताल, मरीजों के पर्चे पर लिख रहे अपना दर्द

मध्यप्रदेश के लगभग 10 हजार से अधिक डॉक्टर 3 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की तैयारी में हैं और इसमें उनका साथ नर्सिंग स्टॉफ भी देगा. ऐसे में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बिगड़ना तय है. दरअसल अपनी मांगे पूरी न होने से प्रदेश भर के डॉक्टर सरकार से नाराज चल रहे हैं. अब एक बार फिर से आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं.

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MP में 3 मई से 10 हजार डाक्टर्स की हड़ताल

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Published : Apr 18, 2023, 5:59 PM IST

MP में 3 मई से 10 हजार डाक्टर्स की हड़ताल

ग्वालियर। प्रशासनिक दखल अंदाजी पर अंकुश, पुरानी पेंशन बहाली, सातवां वेतन आयोग जैसे अन्य मुद्दों पर मुखर डॉक्टरों की मांगे पूरी नहीं होने पर एक बार फिर से प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेज के लगभग 10 हजार डॉक्टर 3 मई से हड़ताल पर जाने की तैयारी कर चुके हैं. लेकिन उससे पहले सरकार को अपना दर्द बताते हुए 18 अप्रैल से 2 मई तक हर दिन स्मरण दिवस डॉक्टर मनाएंगे और अस्पतालों की ओपीडी और निजी प्रैक्टिस के दौरान आने वाले मरीजों को पर्चे पर दवा के साथ-साथ अपना दर्द भी बयां करेंगे और इसकी शुरुआत ग्वालियर के जीआरएमसी के डॉक्टरों ने कर दी है.

सीएम को याद दिलाया वादा: डॉक्टरों ने दवा के पर्चे पर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान को अपना वादा याद दिलाते हुए लिखा है. वादा पूरा करे सरकार नहीं तो होगी हड़ताल आपको बता दें कि सीएम द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति के प्रतिवेदन के आदेश निकालने में शासन के अधिकारियों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है. इसी वजह से महासंघ ने फिर से आंदोलन करने का निर्णय लिया है. डॉक्टर पहले मंगलवार से 2 मई तक स्मरण दिवस मनाते हुए डॉक्टर ओपीडी में आने वाले मरीजों के पर्चों पर दवा के साथ-साथ अपना दर्द कुछ इस तरह लिख रहे हैं.

मरीजों के पर्चे पर डाक्टर्स लिख रहे अपना दर्द

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फिर आंदोलन की ओर डॉक्टर्स: 17 फरवरी 2023 मुख्यमंत्री शिवराज चौहान के आश्वासन पर डॉक्टरों ने आंदोलन स्थगित कर दिया गया था और उसी दिन निर्मित उच्च स्तरीय समिति को एक महीने में अपना प्रतिवेदन मुख्यमंत्री को देना था. तत्पश्चात उच्च स्तरीय समिति के प्रतिवेदन पर त्वरित शासन के आदेश निकालने की बात पर डॉक्टरों ने आंदोलन स्थगित किया था लेकिन दो महीने बीत जाने के बाद भी कोई आदेश नहीं निकले गए हैं इसलिए महासंघ सरकार को अपना वादा याद दिलाने के लिए आंदोलन की राह पर चल पड़ी है.

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