ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने जेसी मिल के उन मजदूरों को बड़ी राहत दी है, जिन्हें ईपीएफ द्वारा पेंशन का लाभ नहीं दिया जा रहा था. इसके खिलाफ ईपीएफ आयुक्त ने हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी. भविष्य निधि आयुक्त ने कोर्ट में एक रिव्यू पिटीशन फाइल की थी. रिव्यू पिटीशन के कारण जिन मजदूरों को पेंशन का लाभ नहीं मिल पा रहा था, उसे न्यायालय ने खारिज कर दिया है.
जेसी मिल मजदूरों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, मजदूरों को पेंशन देने का दिया आदेश
जेसी मिल मजदूरों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. अब उन्हें पेंशन देने का आदेश दिया गया है.
1992 में ग्वालियर की विश्व प्रसिद्ध जीवाजीराव कॉटन मिल्स लिमिटेड यानी जेसी मिल को बंद कर दिया गया था. उस समय मिल में आठ हजार से ज्यादा मजदूर काम करते थे. मजदूरों ने अपने वेतन और दूसरे वित्तीय लाभ के लिए कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट के निर्देश पर रिटायर्ड जज एसएस त्रिवेदी को प्रशासक बनाया गया था. उन्होंने मिलकर आठ हजार मजदूरों की सूची बनाई थी, जिसमें 6 मजदूरों को पेंशन का लाभ दिया गया, लेकिन बाकी के मजदूर पेंशन से वंचित रह गए.
इस बीच भविष्य निधि संगठन ने हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका लगा दी. इस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया और कहा कि जिस तरह से 1 हजार 032 मजदूरों को पेंशन का लाभ दिया गया है, ठीक उसी तरह से बाकी बचे मजदूरों को भी यह लाभ दिया जाए. अब वंचित मजदूरों के पेंशन लाभ पाने का रास्ता साफ हो गया है.