ग्वालियर। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. बुधवार को पूरे प्रदेश में 2 हजार 346 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले थे. इसके साथ ही ग्वालियर में भी कोरोना के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ग्वालियर में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था का है, जहां स्वास्थ्य अमला कोरोना की जांच का दायरा बढ़ाने में फिसड्डी साबित हो रहा है. जिस हिसाब से मरीजों में संक्रमण के मामले आ रहे हैं, उस हिसाब से रोजाना 2000 मरीजों की जांच होनी चाहिए, लेकिन वर्तमान में सिर्फ एक हजार के आसपास ही जांच हो रही है.
कोरोना सैंपलिंग में फिसड्डी साबित हो रहा ग्वालियर, कैसे जीतेंगे जंग?
ग्वालियर में कोरोना मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. जिस हिसाब से मरीज मिल रहे हैं, उस अनुपात में जांच का दायरा कम है. रोजाना करीब 2000 लोगों की जांच होनी चाहिए, लेकिन फिलवक्त ये आंकड़ा एक हजार के आसपास है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि जल्द से जल्द जांच का जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा.
ग्वालियर में बुधवार को 172 नये कोरोना के मामले सामने आए थे. इस प्रकार ग्वालियर में अब तक कोरोना के कुल मामले 9689 हो चुके है. ऐसे में कोरोना की जांच का दायरा न बढ़ना एक परेशानी का विषय बना हुआ है. जिला अस्पताल, गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के अलावा 22 फीवर क्लीनिक पर मरीजों के सैंपलिंग की जा रही है. जहां दिन भर में जांच का दायरा 900 से 1000 के बीच रहता है. इनमें आरटीपीसीआर, रैपिड एंटीजिन की जांच मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में की जाती है जबकि फीवर क्लीनिक पर ट्रूनेट सीबीनेट के जरिए जांच की जा रही है.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर वीके गुप्ता ने कहा कि जांच का दायरा बढ़ते हुए मरीजों की संख्या के अनुपात में कम है, लेकिन उनका यह भी कहना है कि जल्द ही मैदानी अमले को और ज्यादा सक्रिय करके सैंपलिंग बढ़ाई जाएगी. पिछले दिनों जिला प्रशासन ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को जांच का दायरा बढ़ाने के निर्देश दिए थे. सबसे ज्यादा मुरार जिला अस्पताल में कोरोना संक्रमितों की जांच की जा रही है, इसके अलावा जयारोग्य चिकित्सालय के वायरोलॉजिकल विभाग में भी मरीजों की जांच की जा रही है.