आरक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े के आरोपियों को 4 साल की सजा ग्वालियर। करीब दस साल पहले भिंड जिले में आयोजित हुई आरक्षक भर्ती परीक्षा मामले में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने मूल परीक्षार्थी और सॉल्वर रहे दो लोगों को चार-चार साल की सजा से दंडित किया है. इसके अलावा उन पर 14-14 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है. इस मामले में सॉल्वर सोनू राठौर ही न्यायालय में पेश हुआ जो जमानत पर चल रहा था. उसे सजा सुनाए जाने के बाद कोर्ट के निर्देश पर जेल भेज दिया गया है.
फर्जी डिप्लोमा की सजा सिर्फ शोकॉज नोटिस, जानें क्या है पूरा मामला
मूल परीक्षार्थी के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारीः सुनवाई के बाद मूल परीक्षार्थी राजकुमार त्यागी और फिजिकल टेस्ट में शामिल रहा प्रदीप त्यागी फरार है. मूल परीक्षार्थी राजकुमार त्यागी के खिलाफ न्यायालय ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. दरअसल आरक्षक भर्ती परीक्षा 2012 में भिंड में आयोजित की गई थी. जिसमें राजकुमार त्यागी अपना परीक्षा फार्म भरा था. उसने फिजिकल में जहां प्रदीप त्यागी को भेजा वहीं सॉल्वर के रूप में सोनू राठौर शामिल हुआ था. अलग-अलग हस्ताक्षर और फोटो मिस मैच होने के कारण यह मामला वहां मौजूद पर्यवेक्षकों ने पकड़ लिया था. बाद में इस मामले में भिंड जिला न्यायालय में चालान पेश किया गया.
सीबीआई कोर्ट ने दो सगे भाइयों को पांच-पांच साल की सुनाई सजा
आठ साल पूर्व हुए थे CBI जांच के आदेशःचार्जशीट पेश होने के बाद2014 में इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश हुए थे. केस को सीबीआई ने अपने आधीन कर लिया और नए सिरे से विशेष न्यायालय में चालान पेश किया था. बाद में सॉल्वर सोनू राठौर और राजकुमार त्यागी को गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन दोनों को ही जमानत मिल गई थी. सुनवाई के वक्त सिर्फ सॉल्वर सोनू राठोर पेश हुआ था जबकि राजकुमार त्यागी गायब था. दूसरी ओर इस मामले में फिजिकल टेस्ट में शामिल रहा प्रदीप त्यागी शुरुआत से अब तक फरार है. उसे भी गिरफ्तार करने के निर्देश सीबीआई की विशेष कोर्ट ने पुलिस को दिए हैं. विशेष न्यायालय ने राजकुमार और सोनू पर अलग-अलग धाराओं में अट्ठाइस हजार दो सौ हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है.