ग्वालियर। शहरों का नाम बदलने की सियासत वैसे तो सालों पुरानी है, लेकिन समय-समय पर उठने वाली मांग इस पर होने वाली सियासत को ताजा कर देती है. ऐसा ही मामला रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस के मौके पर सामने आया है. रानी लक्ष्मीबाई (Rani Laxmibai) के बलिदान दिवस के मौके पर कांग्रेस ने ग्वालियर शहर का नाम रानी लक्ष्मीबाई (Rani Laxmibai) के नाम पर रखने की मांग कर दी. लेकिन सियासत तब शुरू हुई जब बीजेपी के सांसद केपी यादव (KP Yadav) ने कांग्रेस की मांग का समर्थन कर दिया. हालांकि बाद में सांसद केपी यादव (KP Yadav) को अपनी भूल का अहसास हुआ तो वो न सिर्फ अपने बयान से पलट गए बल्कि यहां तक कह दिया कि कांग्रेस (Congress) तो कुछ भी कहती रहती है, कांग्रेस की बातों पर ध्यान नहीं दिया जाता.
पहले कांग्रेस की मांग का किया समर्थन, बाद में बयान से पलटे सांसद Lakshmi Bai के बलिदान दिवस पर कांग्रेस की मांग, Gwalior का नाम हो 'Rani Lakshmi Bai Nagar'
कांग्रेस की मांग की किया समर्थन
दरअसल रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस के मौके पर गुना-शिवपुरी (Guna-Shivpuri) सांसद केपी यादव (KP Yadav) उनके समाधि स्थल पहुंचे थे. इस दौरान पत्रकारों ने सांसद से ग्वालियर का नाम बदलने का सवाल पूछ लिया. सांसद ने कहा कि अगर जनता ग्वालियर का नाम बदलने का समर्थन करती है तो शहर का नाम जरूर बदलना चाहिए. सांसद ने कहा कि अगर वीरांगना के नाम पर शहर का नाम रखा जाता है तो यह बहुत अच्छी बात है.
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बयान से पलटे सांसद केपी यादव
बयान देने के एक घंटे बाद गुना-शिवपुरी (Guna-Shivpuri) से सांसद केपी यादव (KP Yadav) को अहसास हुआ कि वो कांग्रेस की मांग का समर्थन कर चुके हैं. इसके बाद फिर मीडिया के सामने आए सांसद ने कहा कि ग्वालियर का नाम बदलने की बात कहां से आ गई. सांसद ने कहा कि मैं मीडिया के सवालों को समझ नहीं पाया था. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सांसद केपी यादव ने कहा कि कांग्रेस (Congress) कुछ भी कहती रहती है, कांग्रेस की बातों पर ध्यान नहीं दिया जाता. सांसद ने कहा कि वीरों के बलिदान दिवस पर उनकी बलिदान स्थली पर आकर हर राष्ट्रभक्त को नमन करना चाहिए.