कटनी।आज भी समाज में ऐसे लोग मौजूद हैं, जो निस्वार्थ भाव से पीड़ित व्यक्तियों की सेवा करने में अपना जीवन खपा देते हैं. 72 साल के वृद्ध शारदा पटना ने ऐसा ही कुछ कर दिखाया है. वे प्रतिदिन सुबह जिला अस्पताल के अलावा मंदिरों के आसपास रहने वाले वृद्ध और असहाय लोगों को भोजन आदि उपलब्ध कराते हैं. यह उनकी ड्यूटी का हिस्सा नहीं है, बल्कि वे अपने मन के सुकून के लिए पिछले कई साल से समाजसेवा करते आ रहे हैं.
समाजसेवी के आड़े नहीं आने दी उम्र
रिटायरमेंट के बाद अक्सर लोग खुद को कमजोर मानकर दूसरों पर आश्रित हो जाते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो वृद्धावस्था तक अपनी फिटनेस को कायम रखते हैं. साथ ही दूसरों के लिए मिसाल भी बनते हैं. कुछ इसी तरह का जज्बा है शहर के शास्त्री कॉलोनी में रहने वाले शारदा प्रसाद पटवा का, जिन्होंने शासकीय सेवा के दौरान अस्पताल आने वालों की मदद शुरू की थी और आज कई साल से उनकी यह सेवा निरंतर जारी है.
कहां से आया समाज सेवा का विचार
अस्पताल के सामने पहले बस स्टैंड हुआ करता था. जहां पर राज्य परिवहन निगम में पटवा ने वर्ष 1976 में सेवाएं देना प्रारंभ की. उस दौरान वे देखा करते थे, कि गांव से इलाज कराने आने वालों के परिजन खाना बनाने के लिए लकड़ी एकत्र करते थे. यहां से उनके मन में लोगों की मदद करने का विचार आया, और रोजाना सुबह आकर वे ऑफिस के पास बैठने वाली गायों के गोबर को एकत्र कर उनके उपले बनाकर बाउंड्रीवाल में सूखने को रख देते थे. जब भी कोई परिवार खाना बनाने के लिए परेशान दिखता तो उनको वही उपले जलाने को देते थे. इसके अलावा लोगों को अनाज आदि भी देकर मदद करना प्रारंभ की.