ग्वालियर। कोरोना काल का सबसे ज्यादा असर दिव्यांग छात्रों पर पड़ा है. करीब 12 हजार दिव्यांग छात्र-छात्राओं को न सिर्फ पढ़ाई से महरूम होना पड़ा है बल्कि उन्हें रहने और खाने-पीने जैसी समस्याओं से भी जूझना पड़ रहा है. कई बच्चे लॉकडाउन की अवधि में अपने अपने घरों को रवाना हो गए, पर कई बेसहारा छात्र ऐसे भी हैं जो अपने घरों को नहीं जा सके हैं. लिहाजा वे निजी संस्थाओं के रहमोकरम पर हैं. संस्था की बदौलत उन्हें रहने और खाने पीने का सामान मिल रहा है.
वहीं कुछ सेवानिवृत्त शिक्षक इन बच्चों को ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षा देकर उनकी पढ़ाई को निरंतरता देने की कोशिश कर रहे हैं, शिक्षकों का मानना है कि यह दिव्यांग बच्चे पहले से ही तमाम तरह की परेशानियों और चुनौतियों से जूझ रहे हैं. ऐसे में एक बार पढ़ाई से उनका मोहभंग हो गया तो उन्हें दोबारा मुख्यधारा में लाने में काफी समय लग सकता है.