गुना। हम सब जानते हैं कि अगर किसी के घर में बंदर आ जाएं तो उनके आतंक से लोग परेशान हो जाते हैं. बंदर छत पर रखा सारा सामान तहस-नहस कर देते हैं, लेकिन इस बार बंदरों की कुछ अलग करतूत सामने आई है. जिसका खामियाजा एक बुजुर्ग को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा. जी हां सुनने में थोड़ा अजीब लगेगा, लेकिन ये सच है. गुना में 2 बंदरों ने एक बुजुर्ग को छत से धक्का दे दिया, जिससे उनकी मौत हो गई.
बंदरों ने की बुजुर्ग की हत्या बुजुर्ग को बंदरों ने दिया धक्का: बजरंगगढ में 70 वर्षीय बुजुर्ग बाबूलाल प्रजापति को 2 बंदरों ने मिलकर घर की छत से धक्का दे दिया. जिससे बुजुर्ग बाबूलाल प्रजापति 15 फीट ऊंचाई से जमीन पर जा गिरे. जमीन पर गिरते ही बाबूलाल प्रजापति गंभीर रूप से घायल हो गए. परिजनों ने बाबूलाल प्रजापति को तुरंत अस्पताल पहुंचाया. जहां डॉक्टरों ने बताया कि छत से गिरने के कारण उनकी पसलियां टूट गई हैं. पसलियों का कुछ हिस्सा फेफड़ों में धंस गया है, जिसके चलते शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो रही है. अस्पताल में इलाज के दौरान बाबूलाल प्रजापति को सांस लेने में दिक्कत आने लगी, जिसके कुछ समय बाद ही उनकी मौत हो गई.
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बजरंगगढ़ में बंदरों का आंतक: बाबूलाल प्रजापति के बेटे ललित प्रजापति ने बताया कि बजरंiगढ में बंदरों का आतंक है. बंदर घरों के अंदर भी घुस जाते हैं. जब बुजुर्ग बाबूलाल प्रजापति घर की पहली मंजिल पर खड़े थे. उसी वक्त बंदरों का झुंड घर की तरफ आया. बाबूलाल ने डराकर कुछ बंदरों को तो भगा दिया, लेकिन 2 बंदरों ने उनके ऊपर हमला कर दिया. बंदरों ने बाबूलाल को धक्का दे दिया. जिससे वे 15 फीट नीचे जमीन पर गिर पड़े. जमीन पर गिरने के कारण बाबूलाल घायल हो गए जिसके बाद इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. बता दें बजरंगढ में बंदरों के इस कदर आतंक है कि उन पर काबू पाना मुश्किल हो गया है. बंदरों को पकड़ने की जिम्मेदारी वन विभाग की है, लेकिन वन विभाग के सुस्त रवैये के चलते बंदरों ने आतंक मचा रखा है. बंदरों के डर के कारण बजरंगढ के लोग घरों में छिपकर बैठने को मजबूर हैं. बंदर इतना ज्यादा आतंक मचाते हैं कि लोगों का रहना मुश्किल हो गया है. स्कूल जा रहे छात्रों पर भी बंदर हमला कर देते हैं. कच्चे घरों की छतों पर कूदकर छतों को नुकसान पहुंचाते हैं और तो और कई बंदर महिलाओं के बाल भी खींचते हैं.