डिंडौरी। शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में खेल को बढ़ावा देने के लिए, प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को खेल सामग्री उपलब्ध करवाने के लिए 5 से 10 हजार का बजट भेजा था. इस बजट के अनुसार क्रिकेट किट, वॉलीबॉल, बॉस्केट बॉल, फुटबॉल जैसे तमाम खेल सामग्री को खरीद कर बच्चों के खेलने के लिए उपलब्ध कराना था. लेकिन जब स्कूलों में इसका जायजा लिया गया, तो जमीनी हकीकत कुछ और ही निकली.
सरकार ने बच्चों की खेल समाग्री के लिए भेजा पैसा, अनियमितता की भेंट चढ़ी राशि
शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में खेलों को बढ़ावा देने के लिए 5 से 10 हजार रुपए का बजट आवंटित किया था, लेकन बच्चों को अब तक खेल समाग्री उपलब्ध नहीं करवाई गई है. जिन स्कूलों में खेल सामग्री खरीदी भी गई है, वहां भी अनियमितताएं पाई गई हैं.
समनापुर जनपद क्षेत्र के ग्राम ढाबा और गोराकन्हारी के शासकीय प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों का दौरा किया गया, तो कहीं खेल सामग्री नदारद मिली, तो कहीं बिल. हालात ये हैं कि बच्चे बिना खेल सामग्री के ही स्कूल में खेलते नजर आए, वहीं कुछ स्कूलों में खेल सामग्री अब तक खरीदी ही नहीं गई है. प्राथमिक शाला ढाबा में बल्ले गायब मिले, तो वही माध्यमिक शाला ढाबा में खेल सामग्री शिक्षक अपने घर पर ही रखे हुए हैं, तो कुछ शिक्षक बिल दिखाने से बचते नजर आए. माध्यमिक शाला में महिला शिक्षक बच्चों को खेल सामग्री ही नहीं देती हैं.