डिंडोरी। प्रशासन के प्रतिबंध के बावजूद जिले में रेत उत्खनन धड़ल्ले से चल रहा है. करंजिया विकासखंड में रेत माफिया प्रसासन के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए नजर आ रहे हैं. बता दें कि, जिले में नर्मदा नदी से 30 सितंबर तक रेत उत्खनन पर रोक लगा दी गई है. इसके बावजदू खनन माफिया शासन के नियमों को दरकिनार करते हुए पानी के अंदर से रेत निकाल रहे हैं.
खुलेआम चल रहा है अवैध खनन का खेल, जिला प्रशासन ने मूंदी आंखें
डिंडोरी जिले में नर्मदा से अवैध रेत का खनन बदस्तूर जारी है. प्रशासन की मनाही के बाद भी रेत माफिया लगातार रेत का उत्खनन कर रहे हैं. वहीं रॉयल्टी नहीं देने से करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है.
दरअसल अंचल में अच्छी बारिश होने के बाद नर्मदा सहित सहायक नदियों में आई बाढ़ में अधिक मात्रा में रेत बहकर आ गई है. जिसका फायदा रेत माफिया उठा रहे हैं. माफियाओं ने पानी के अंदर से रेत निकालने के लिए अधिक पैसों का लालाच देकर बकायदा मजदूरों को नियुक्त किया है. ये मजदूर अपनी जान की परवाह किए बगैर उफनाती नदी से रेत निकालने उतर जाते हैं. जबकि आमतौर पर बरसात के दिनों में नदी के अंदर रहना खतरनाक होता है. लोगों का कहना है कि, इस काम में बच्चों को को भी धकेला जा रहा है.
बताया जा रहा है कि, पूरे विकासखंड में सिर्फ मुसामुंडी पंचायत में एक मात्र वैध खदान की स्वीकृति प्रशासन ने दी है. जहां से बरसात के मौसम में भी रेत नहीं निकाली जा सकती है. लेकिन करंजिया विकासखंड की सीमा की शुरुआत के गांव मोहतरा से लेकर अमरकंटक की ओर तक नर्मदा के दर्जनों घाटों से रेत निकालने का काम बदस्तूर जारी है. हर रोज 100 से अधिक छोटी-बड़ी गाड़ियों में बिना रॉयल्टी दिए रेत का परिवहन जारी है. जिससे प्रशासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है. इस बात को जानकर भी प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है. सबकुछ जानने के बाद भी प्रशासन इन लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.