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समय पर नहीं हो पा रही गेहूं खरीदी, केद्रों पर लग रहीं लंबी कतारें

लॉकडाउन में मध्यप्रदेश के गेहूं किसानों को राहत देने के लिए सरकार ने तमाम निर्देशों के साथ 15 अप्रैल से गेहूं खरीदी भले शुरू कर दी हो लेकिन लापरवाही के कारण किसान अभी भी कतारों में ही हैं.

Farmers in queue to sell wheat
अन्नदाता परेशान

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Published : May 8, 2020, 5:30 PM IST

Updated : May 9, 2020, 5:32 PM IST

धार। पहले ओला फिर बारिश और अब उसके बाद लॉकडाउन से किसानों की कमर टूट चुकी है. वहीं कोरोना महामारी के इस लॉकडाउन फसलों को मंडी तक पहुंचने से रोक दिया है. विपरीत हालात में भी किसान ने मेहनत कर फसल तो अच्छी उगा ली, लेकिन अब उसे बेचने के लिए उसके पसीने निकल रहे हैं. ऐसा ही कुछ हाल है धार के गेहूं किसानों का, जो किसी अपनी उपज बेचने के लिए मंडी तक तो पहुंच रहा है, लेकिन ट्रैक्टरों की लंबी कतारों में रुक जा रहा है.

अन्नदाता परेशान

लॉकडाउन में मध्यप्रदेश के गेहूं किसानों को राहत देने के लिए मध्यप्रदेश में 15 अप्रैल से गेहूं खरीदी शुरू कर दी गई है, एसएमएस के माध्यम से किसानों को गेहूं खरीदी केंद्र पर बुलाया जा रहा है और उनसे गेहूं खरीदी की जा रही है, लेकिन किसान जब मंडी पहुंचता है को रास्ते में ही उसे वाहनों की कतारें मिल जाती हैं. 1 किलोमीटर से अधिक लंबी गेहूं से भरे ट्रैक्टरों की लाइनों में किसान अपने गेहूं तुलाई का नंबर आने का इंतजार कर रहे हैं. कई बार तो यह समय 4 से 5 दिन का हो जाता है.

केद्रों पर लग रहे लंबी कतार

गेहूं खरीदी केंद्र कि जमीनी हकीकत
कोरोना संकट काल में सरकार लगातार मंडियों को निर्देश दे रही है, कि मंडियों में कोरोना से बचाव की पूरी तैयारी की जाए. किसान गेंहू लेकर पहुंचे तो उसे सैनिटाइजर दिया जाए उसके लिए पीने के पानी और छाव की सहीं व्यवस्था की जाए साथ ही इस बात का ध्यान रखा जाए की लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, लेकिन हालत कुछ और ही हैं. गेहूं खरीदी केंद्र पर हम्माल बोरियों में गेहूं भर रहे हैं और परिवहन के लिए गाड़ियों में उनको लोड भी कर रहे हैं, लेकिन इस दौरान उनके चेहरे पर मास्क नहीं होता और न ही किसानों को सेनिटाइजर दिया जा रहा है. संक्रमण फैलने का भी खतरा बढ़ रहा है.

गेहू खरीदी केंद्र कि जमीनी हक्कीत्त

और भी कई खतरे हैं..
गेहूं खरीदी केंद्र पर 4 से 5 दिन का इंतजार करना पड़ रहा है, जिससे रात में ट्रैक्टरों में से गेहूं चोरी और अन्य सामान चोरी होने का भय बना रहता है. जिससे अब रात में ट्रैक्टरों की निगरानी करनी पड़ रही है. गेहू खरीदी केंद्र पर पीने के पानी को लेकर भी काफी समस्याएं है, कुछ किसानों ने बताया कि वह गेहूं बेचने के लिए भाड़े से ट्रैक्टर लाए है, गेहूं बिक्री का नंबर नहीं आने की वजह से दिन पर दिन ट्रैक्टरों का भाड़ा भी बढ़ता जा रहा है जिसका भुकतान भी अब किसानों को ही करना पड़ेगा.

और भी कई खतरे हैं..
क्या कहते हैं जवाब दारकिसानों की समस्याओं को लेकर जब धार कलेक्टर श्रीकांत बनोठ से चर्चा की गई तो बनोठ ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से इस बार गेहूं खरीदी एक महीने देरी से शुरू हुई है. जिसके चलते कई परेशानी आ रही है. उसके बावजूद बेहतर तरीके से गेहूं खरीदी के लिए काम जिले में चल रहा हैं, गेहूं खरीदी केंद्र पर आने वाले किसानों को मास्क और सेनेटाइजर का भी वितरण किया जा रहा है और जिले में बेहतर तरीके से गेहूं खरीदी चल रही है.
क्या कहते है जवाब दार

धार में गेहूं खरीदी के आंकडे

जिले में 108 गेहूं खरीदी केंद्रों पर 40 हजार 91 किसानों से गेहूं खरीदना है, जिनमें से 15 अप्रैल से लेकर 7 मई तक 22123 किसानों से 1 लाख 53 हजार 387 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है. वहीं इस बार तीन लाख मैट्रिक टन गेहूं खरीदी का जिले में लक्ष्य रखा गया है, गेहूं खरीदी केंद्रों पर किसानों को राहत देने के लिए प्रत्येक दिन SMS के माध्यम से 6-6 किसानों को बुलाकर गेहूं खरीदी शुरू करवाई गई है.

Last Updated : May 9, 2020, 5:32 PM IST

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