धार। सरदारपुर-अमझेरा में बड़ा हादसा होते-होते टल गया. प्राचीन अमका-झमका तीर्थ स्थित बाबा बैजनाथ की पहाड़ी का एक बड़ा भाग धंस गया. गनीमत रही कि उस समय यहां कोई श्रद्धालु मौजूद नहीं था, नहीं तो बड़ी घटना घट सकती थी.
बैजनाथ महादेव की पहाड़ी धंसी, पांडवों ने किया था गुफा का निर्माण - बैजनाथ महादेव मंदिर
धार जिले में प्राचीन बाबा बैजनाथ के ऊपर स्थित पहाड़ी का एक बड़ा भाग धंस गया. पहाड़ी धंसने से मंदिर के सामने बड़े-बड़े पत्थरों और पेड़-पौधों का मलबा जमा होने से बैजनाथ महादेव मंदिर का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया है.
पहाड़ी के धंसने से वहां खड़ी दो मोटरसाइकिल मलबे में दबकर क्षतिग्रस्त हो गई. खबर लगते ही बड़ी संख्या में लोगों का हुजुम उमड़ पड़ा. बताया जा रहा है कि यहां अखण्ड रामायण का पाठ भी चल रहा था, लेकिन समय रहते वे वहां से हट गए, नहीं तो कई लोगों की जान जा सकती थी.
पहाड़ी धंसने से मंदिर के सामने बड़े-बड़े पत्थरों और पेड़-पोधों का मलबा जमा होने से बैजनाथ महादेव मंदिर का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया है. बताया जाता है की महाभारत काल में कृष्ण ने रूकमणी हरण यही पर किया था. अज्ञातवास के दौरान यहा पांडवों द्वारा गुफा का निर्माण किया गया था और यहां भगवान शिव की पूजा अर्चना होती थी.