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कोरोना इफेक्ट: जेल में बंद भाइयों की कलाई रह गई सूनी, नहीं मिली इजाजत - जेल में बंद भाइयों को नहीं बांध पाई राखी

रक्षाबंधन पर हर साल जेल में बंद कैदियों की बहनों के लिए जेल प्रबंधन की तरफ से विशेष व्यवस्था की जाती रही है, लेकिन इस वार कोरोना संकट की वजह बहनों के इजाजत नहीं मिली. हालांकि इस दौरान जेल के गेट पर ही भाइयों और बहनों के नाम की एंट्री कर रक्षा सूत्र लिए गए.

Sisters unable to tie rakhi to their brothers in jail
कैदी भाइयों को बहने नहीं बांध पाई राखी

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Published : Aug 3, 2020, 6:24 PM IST

देवास। रक्षाबंधन का त्योहार भाई- बहन के असीम प्रेम दिन होता है. इस पवित्र त्योहार पर बहन अपने भाई के कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है. हालांकि ऐसी भी कई बहने हैं, जिनके भाई फिलहाल जेल में सजा काट रहे हैं. हर वर्ष बहनों को जेल प्रबंधन के द्वारा रक्षाबंधन के पर्व पर रक्षा सूत्र बांधने के लिए विशेष व्यवस्था की जाती थी, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते बहनों को जेल के दरवाजे से मायूस होकर लौटना पड़ा. शासन द्वारा इस बार जेल में बंद कैदी भाइयों को उनकी बहने रक्षा सूत्र कलाई पर बांधकर मिठाई खिला सकें, इसको लेकर कोई व्यवस्था नहीं की गई. कोरोना वायरस जैसी महामारी के चलते जेल में बंद कैदियों की मुलाकात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

रक्षाबंधन पर जेल पहुंचने वाली बहनों की राखियों को प्रशासन ने कैदी भाइयों तक पहुंचाने की व्यवस्था जरूर की है, जिसको लेकर जेल के गेट पर ही भाइयों और बहनों के नाम की एंट्री कर रक्षा सूत्र लिए जा रहे हैं. इधर प्रशासन द्वारा जेल में बंद कैदियों से परिजनों की मुलाकात वीडियो कॉलिंग से करवाई जाएगी. इसके लिए पहले अधिकृत वेबसाइट पर पंजीयन कर स्वीकृति लेनी पड़ेगी, जिसके बाद परिजन महीने में एक बार वीडियो कॉलिंग से 10 मिनट जेल में बंद अपने रिश्तेदार से बात कर पाएंगे.

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