मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

कपास के बंपर उत्पादन के बाद भी किसान निराश, नहीं मिल पा रहा फसल का उचित दाम

देवास जिले के कन्नौद तहसील के आदिवासी अंचल में किसानों ने कपास का बंपर उत्पादन किया है. लेकिन मंडियां बंद होने से व्यापारी किसानों से ओने पौने दामों में कपास खरीद रहे हैं.

Farmers disappointed even after bumper production of cotton in dewas
कपास के बंपर उत्पादन के बाद भी किसान निराश

By

Published : May 10, 2020, 5:38 PM IST

देवास।जिले के खातेगांव में बढ़ते मशीनीकरण के समय में कपास की खेती कम हुई है. लेकिन कन्नौद तहसील के आदिवासी अंचल में किसानों ने कपास का बंपर उत्पादन किया है. वहीं रकबे में भी काफी बढ़ोत्तरी हुई. लेकिन मंडियां बंद होने से व्यापारी किसानों से ओने पौने दामों में कपास खरीद रहे हैं. जिसमें कुछ किसान तो मजबूरी के कारण बेच रहे हैं लेकिन कुछ अपनी उपज कम दाम पर बेचने को तैयार नहीं हैं. उनका कहना है कपास को कम दाम पर बेचने से उनकी लागत तक वसूल नहीं हो पाएगी. ऐसे में वे कर्ज कैसे चुकाएंगे.

दरअसल, खेरी, मुहाडा,रामटेक, बड़ी कराड सहित अनेक ऐसे आदिवासी गांव हैं. जहां इस बार कपास का रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन हुआ है. लेकिन क्षेत्र में कपास की दो ही मंडियां हैं. जो क्रमश: मंलोहारदा एवं कांटा फोड़ में हैं. लेकिन कोरोना महामारी के चलते मंडियां बंद हैं. ऐसे में व्यापारी इसका जबरदस्त फायदा उठा रहे हैं. व्यापारी किसानों से कपास 2 हजार से लेकर ढाई हजार रुपये प्रति क्विंटल के भाव से खरीद रहे हैं. जो कि बहुत कम है. इतने में किसानों की लागत और ना ही परिवहन मूल्य निकल पा रहा है. ऊपर से कर्जदारों के अत्यधिक दबाव की वजह से किसानों के चेहरों पर बेबसी साफ झलक रही है.

क्षेत्र के कई आदिवासी गांवों में सैकड़ों क्विंटल कपास आज भी किसानों के घरों में रखा हुआ है. घरों में रखा कपास इस भीषण गर्मी के दौर में किसी बारूद से कम नहीं है. अपने सफेद सोने को घर में रखकर बैठे किसानों के समक्ष दोहरी चुनौती है. एक तो उसे सही दामों में विक्रय करना है. वहीं दूसरी ओर कपास को इस भीषण के गर्मी में आग से बचाना है. ऐसे में जरा सी लापरवाही, किसानों पसीने की कमाई को खाक में मिला सकती है. यदि यही स्थिति रही तो आदिवासी किसानों का न केवल कपास से मोह भंग हो जाएगा बल्कि हताश किसानों के सामने रोजी-रोटी का बड़ा संकट भी खड़ा हो जाएगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details