दमोह। जिले के हटा नगरपालिका में लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे है. यहां जलसंकट इतना गहराया हुआ है कि लोग पानी की किल्लत से बेहद परेशान है. अपनी प्यास बुझाने के लिए संघर्ष कर रहे है. पानी का टैंकर आते ही लोग डिब्बों के साथ खड़े रहते है और पानी का इंतजार करते रहते है.
जल के लिए जद्दोजहद, बूंद-बूंद के लिए 'संग्राम' - scarcity of water in desperate heat
पानी की सबसे ज्यादा त्रासदी आदिवासी इलाकों में है,यहां पर सरकारी हैंडपंप पानी की जगह हवा फेंक रहा है. बछामा गांव में हालात इस कदर खतरनाक हो चुके हैं कि लोग जंगल में 2 किलोमीटर चलकर सूनसान इलाके से पानी लाने को मजबूर है.
ग्रामीण पानी के लिए जद्दोजहद कर रहे है और प्रशासन लोगों की मुश्किल खत्म करने में नाकाम साबित हो रहा है.हटा नगरपालिका के सीएमओ की माने तो नगरपालिका क्षेत्र में तीन वार्डों में किसी कंपनी के केबल बिछाने से पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो गयी है. जिस वजह से वार्डों में टैंकर के जरिये लोगों तक पानी पहुंचाया जा रहा है लेकिन लोगों की परेशानी कम नहीं हो रही है.
पानी की सबसे ज्यादा त्रासदी आदिवासी इलाकों में है,यहां पर सरकारी हैंडपंप पानी की जगह हवा फेंक रहा है. बछामा गांव में हालात इस कदर खतरनाक हो चुके हैं कि लोग जंगल में 2 किलोमीटर चलकर सुनसान इलाके से पानी लाने को मजबूर है. जिले में ये हालात तब हैं जब कलेक्टर पेयजल व्यवस्था को दुरस्त करने के निर्देश दे चुका हैं.